पंजाब में धान खरीद प्रक्रिया में कथित देरी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने फिर से सड़क जाम करने का ऐलान किया है. एसकेएम ने कहा है कि रविवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक धान खरीद में हो रही देरी के विरोध में सड़क जाम कर विरोध- प्रदर्शन किया जाएगा. खास बात यह है कि सड़क जाम करने का यह फैसला एसकेएम ने किसानों की आढ़तियों (कमीशन एजेंट) और चावल मिल मालिकों के साथ एक संयुक्त बैठक के बाद लिया है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को फिर से किसानों, आढ़तियों और चावल शेलर के अलावा व्यापार मंडल के अधिकारियों की बैठक होगी. इस बैठक में मजदूर संघ भी हिस्सा लेगा. इसमें संगठन आगे की अपनी योजना पर फैसला लेगा. एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि एसकेएम और राइस मिलर्स एसोसिएशन की एक संयुक्त बैठक हुई, क्योंकि राज्य में अभी तक धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. राज्य सरकार गंभीर नहीं है. हमने 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक सड़क परिवहन को बाधित करने का फैसला किया है.
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उन्होंने दावा किया कि पंजाब सरकार द्वारा सुचारू रूप से धान खरीद के वादों के बावजूद, जमीन पर कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं देखी जा सकी. उन्होंने कहा कि पंजाब भर में प्रमुख सड़कें और राजमार्ग बंद रहेंगे, जिससे दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक यातायात बाधित रहेगा. पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि अनाज मंडियों में धान की खरीद रुक गई है, क्योंकि जगह तेजी से खत्म हो रही है. अधिकांश चावल मिल मालिक अभी भी स्टॉक स्वीकार करने के लिए सहमत नहीं हुए हैं, जिससे खरीदे गए धान का उठाव रुक गया है.
रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि इसका असर आढ़तियों और किसानों पर पड़ेगा. इसीलिए एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई. उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव केएपी सिन्हा से भी मुलाकात की और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार अगले दो दिनों में गतिरोध का समाधान निकालने की कोशिश करेगी.
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वहीं, कल खबर सामने आई थी कि पंजाब की मंडियों में धान खरीदी में धीरे- धीरे तेजी आ रही है. अमृतसर जिले की मंडियों में धान की आवक और खरीद पिछले हफ्ते के मुकाबले बढ़ गई है. बुधवार शाम को अनाज मंडियों में 16,653 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है. खास बात यह है कि सरकारी खरीद एजेंसियों और कमीशन एजेंटों ने भी उठान प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया है. उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा कि खरीद एजेंसियों को अनाज उठाए जाने के 48 घंटे के भीतर किसानों को उनके धान के बदले भुगतान करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि एजेंसियों ने अब तक किसानों को 7.97 करोड़ रुपये वितरित किए हैं.
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