कीटों को नियंत्रित करने और उनसे धान की फसल को बचाने में कीटभक्षी चमगादड़ बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. असम के अध्ययन से यह बात सामने आई है. कीटभक्षी चमगादड़ आम तौर पर किसी भी चीज को बहुत तेजी से खाते हैं. उनके आहार में सभी प्रकार के कीड़े शामिल हैं, जिनमें फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े भी शामिल हैं.
आपको बता दें धान दुनिया भर में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है. इससे मुख्य खाद्यान्न चावल प्राप्त होता है. धान भारत सहित एशिया और विश्व के अधिकांश देशों का मुख्य भोजन है. मक्के के बाद चावल विश्व में बड़े पैमाने पर उत्पादित होने वाली मुख्य फसल है. दुनिया में धान की खपत किसी भी अन्य खाद्यान्न की तुलना में अधिक है. चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है. इससे यह पता हालता है की भारत के लिए धान की खेती कितनी महत्वपूर्ण है. ऐसे में अगर धान की फसल में कीट या कोई बीमारी लग जाए तो इसका बड़ा खामियाजा किसानों और आम जनता को भुगतना पड़ता है. इसी समस्या के समाधान के तौर पर अब चमगादड़ की मदद धान की फसलों को बचाने के लिए लिए लिया जा रहा है.
इस बात की पुष्टि एग्रीकल्चर, इकोसिस्टम एंड एनवायरनमेंट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के शोधकर्ताओं में से एक इकबाल भल्ला ने की हैं. उनहोंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि चमगादड़ कृषि के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
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भारत में कृषि में कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने के लिए 1992 में एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) कार्यक्रम शुरू किया गया था. यह कृषि उत्पादन में कीटों को नियंत्रित करने के लिए जैविक और रासायनिक तरीकों के संयुक्त उपयोग को दर्शाता है. कार्यक्रम में वर्षों से कृषि कीटों को नियंत्रित करने के लिए मछली, मेंढक, परजीवी और बत्तख जैसे प्राकृतिक शिकारियों का उपयोग किया गया है. इस लिस्ट में अब चमगादड़ भी शामिल हैं.
पिछले कुछ समय में चमगादड़ कीटों से निपटने में भी काफी मददगार साबित हुए हैं. कीटभक्षी चमगादड़ अधिकतर कुछ भी खाने वाले जीव होते हैं. उनके आहार में विभिन्न प्रकार के कीड़े शामिल हैं, जिनमें फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े भी शामिल हैं. इस तरह वे कीटों की आबादी को नियंत्रित करने में सक्षम हैं और नई कीट प्रजातियों के अचानक प्रसार या आक्रमण के खिलाफ एक बफर के रूप में कार्य कर सकते हैं.
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