पशुओं को अनाज खिलाने से परहेज करना चाहिए. लेकिन ज्वार एक ऐसा अनाज है, जो इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. ज्वार पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है. ज्वार में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और फाइबर पाए जाते हैं. पशुओं को ज्वार का चारा खिलाने के कई लाभ होते हैं. दरअसल, पशुओं को ज्वार का चारा खिलाने से उनका पाचन तंत्र मजबूत होता है. ऐसे में पशुपालकों के लिए राष्ट्रीय बीज निगम पोषक तत्वों से भरपूर और सेहतमंद ज्वार के "Hy. मल्टीकट CSH-24 MF" किस्म का चारा बेच रहा है. अगर आप भी इस किस्म के चारे को मंगवाना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी की सहायता से ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ज्वार वाले चारे की CSH-24 किस्म का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (NSC) के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार के अनाजों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
NSC के चारा ज्वार के "Hy. मल्टीकट CSH-24 MF" के बीज अब 2किग्रा. के पैक में ऑनलाइन मँगवा सकते है |
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) September 14, 2024
ऑर्डर@ https://t.co/NyKWsOWLb9
*800-950 क्विं./हे.
*उच्च प्रोटीन
*1st कटाई (65 दिन)/ उसके बाद हर 45 दिन पर
* कटाई: 4-6 बार@AgriGoI @ChouhanShivraj @mpbhagirathbjp @mkaurdwivedi pic.twitter.com/etowXrXrYw
CSV-32 किस्म राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (NSC) द्वारा विकसित एक उच्च उपज वाली चारा वैरायटी है. यह मध्य-देर से पकने वाली किस्म है, जो लाल सड़न के लिए प्रतिरोधी है. इस किस्म में चीनी की मात्रा अधिक होती है और यह मवेशियों के लिए चारे की फसल के लिए उपयुक्त है. ये एक अधिक उपज देने वाली किस्म है. इस किस्म की उपज क्षमता 800-950 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. वहीं, इस किस्म की पहली कटाई बुवाई के 65 दिन बाद और उसके बाद हर 45 दिन बाद कटाई की जा सकती है. साथ ही इस किस्म के चारे की कटाई 4 से 6 बार की जा सकती है.
अगर आप भी चारे वाली ज्वार की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो CSV-24 किस्म के 2 किलो बीज का पैकेट फिलहाल 25 फीसदी छूट के साथ मात्र 240 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से ज्वार चारे की खेती कर सकते हैं.
ज्वार की बुवाई में खास बात यह है कि इसकी खेती छिड़काव या सीडड्रिल विधि से ही करनी चाहिए. वहीं, उर्वरक का प्रयोग मिट्टी परीक्षणों के आधार पर करना चाहिए. सामान्य तौर पर 80-100 किलो नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस और 20 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालना चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि नाइट्रोजन की दो तिहाई मात्रा और फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय खेत में डालना चाहिए. इस विधि से खेती करने पर 60 से 70 दिन में चारा काटने लायक हो जाएगा.
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