Onion Variety: ये हैं प्याज की 5 बेहतरीन किस्में, किसी भी सीजन में बुवाई करने पर होगी बंपर पैदावार

Onion Variety: ये हैं प्याज की 5 बेहतरीन किस्में, किसी भी सीजन में बुवाई करने पर होगी बंपर पैदावार

भीमा शुभ्रा सफेद प्याज की एक बेहतरीन किस्म है. छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु के किसान खरीफ मौसम में इसकी खेती कर सकते हैं. महाराष्ट्र में पछेती खरीफ के दौरान भी इसकी बुवाई की जा सकती है. खरीफ सीजन में इसकी फसल 110 से 115 दिन में तैयार हो जाती है.

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Onion Variety: ये हैं प्याज की 5 बेहतरीन किस्में, किसी भी सीजन में बुवाई करने पर होगी बंपर पैदावारप्याज की बेहतरीन किस्म. (सांकेतिक फोटो)

मार्केट में प्याज की मांग हमेशा रहती है. इसके बगैर में हम टेस्टी सब्जी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. खास बात यह है कि प्याज ने कई बार भारत की राजनीति को भी प्रभावित किया है. इसकी कीतम बढ़ने पर सरकार के ऊपर प्रेसर बढ़ जाता है. ऐसे भारत के सभी राज्यों में प्याज की खेती होती है, लेकिन महाराष्ट्र सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. खरीफ और रबी दोनों सीजन के दौरान किसान बड़े स्तर पर प्याज की खेती करते हैं. लेकिन कई बार महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में किसान समय पर प्याज की बुवाई नहीं कर पाते हैं. इससे उनकी फसल प्रभावित होती है और प्याज का प्रोडक्शन कम हो जाता है. लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. मार्केट में कई ऐसी किस्में आ गई हैं, जिनकी खरीफ और रबी सीजन में देरी से भी बुवाई करने पर बंपर उपज मिलेगी. आज जानते हैं इन किस्मों के बारे में.

ये हैं प्याज की बेहतरीन किस्में

भीमा सुपर: भीमा सुपर प्याज की एक बेहतरीन किस्म है. इस किस्म को छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु की जलवायु को ध्यान में रखते हुए इजाद किया गया है. यानी इन राज्यों के किसान खरीफ मौसम में इस लाल प्याज की बुवाई कर सकते है. किसान इसे खरीफ में पछेती फसल के रूप में भी उगा सकते हैं. इसकी पैदावार खरीफ सीजन में 22 टन प्रति हेक्टेयर है. जबकि, पछेती खरीफ में बुवाई करने पर इसकी पैदावार 40 से 45 टन प्रति हेक्टेयर हो जाती है. खास बात यह है कि भीमा सुपर किस्म खरीफ सीजन में 100 से 105 दिन और पछेती खरीफ में 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है.

भीमा गहरा लाल: इस किस्म की पहचान छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु की जलवायु को देखते हुए  खरीफ मौसम के लिए की गई है. इससे आप प्रति हेक्टेयर 20 से 22 टन उपज प्राप्त कर सकते हैं. इसका कलर गहरे लाल रंग का होता है. साथ ही इसके कंद चपटे और गोलाकार होते हैं. यह किस्म 95 से 100 दिन में पककर तैयार हो जाती है. 

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भीमा लाल: महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को ध्यान में रखते हुए रबी मौसम के लिए इसको विकसित किया गया है. लेकिन, अब इस किस्म की बुवाई दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु के किसान भी खरीफ मौसम में कर सकते हैं. यह फसल पछेती खरीफ मौसम में भी बोई जा सकती है. खरीफ में यह फसल 105 से 110 दिन और पछेती खरीफ और रबी मौसम में 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है. खरीफ में इसकी औसतन उपज 19 से 21 टन प्रति हेक्टेयर है, जबकि पछेती खरीफ में 48 से 52 टन है. वहीं, रबी मौसम में इसकी उपज 30 से 32 टन है. खास बात यह है कि रबी मौसम में 3 महीने तक इसका भंडारण किया जा सकता है.

भीमा श्वेता: सफेद प्याज की यह किस्म रबी मौसम के लिए ज्यादा उपयोगी है. लेकिन छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु के किसान इसे अब खरीफ मौसम में भी उगा सकते हैं. यह 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इसका भंडारण आप 3 महीने के लिए कर सकते हैं. खरीफ में इसकी औसत उपज 18 से 20 टन प्रति हेक्टेयर है. जबकि, रबी मौसम में इसक पैदावार 26 से 30 टन है.

भीमा शुभ्रा: यह सफेद प्याज की एक बेहतरीन किसा है. छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु के किसान खरीफ मौसम में इसकी खेती कर सकते हैं. महाराष्ट्र में पछेती खरीफ के दौरान भी इसकी बुवाई की जा सकती है. खरीफ सीजन में इसकी फसल 110 से 115 दिन और पछेती खरीफ में 120 से 130 दिन में यह पककर तैयार हो जाती है. खरीफ में इसकी पैदावार 18 से 20 टन प्रति हेक्टेयर है. पछेती खरीफ में  पैदावार 36 से 42 टन प्रति हेक्टेयर है.

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