माना जाता है कि कमल का फूल वहीं उगता है जहां कीचड़ होता है, लेकिन कमल के फूल की एक ख़ास बात ये भी है कि कमल की खेती ऐसी है, जो हजारों किसानों के घर में खुशियों का कमल खिलाती है. वैसे तो कमल सिर्फ तालाब या झील में ही उगते हैं, लेकिन आज हजारों किसान अपने खेतों में भी कमल की खेती करके बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. ये खेती किसान मछली पालन के साथ भी कर सकते हैं. मात्र तीन महीनों में तैयार होने वाली कमल की फसल का औषधीय महत्व भी है.
कमल के फूल की खेती अधिक मुनाफों वाली खेती है. किसान इससे कम लागत में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे करें कमल के फूल की खेती और कौन सी हैं इसकी बेस्ट किस्में.
कमल के फूल के दो प्रकार होते हैं, कुमुदनी और उत्पल. उत्पल किस्म को नील कमल भी कहा जाता है. आप डिमांड के अनुसार कोई भी फूल लगा सकते हैं, कमल की दोनों किस्में बहुत अच्छी हैं. वैसे कमल के फूल आपको बहुत रंगों में मिल जाएंगे जैसे लाल, सफ़ेद, पीला, नीला, गुलाबी आदि. वहीं आप इसकी खेती अपने क्षेत्र के वातावरण के हिसाब से किस्मों का चुनाव कर सकते हैं.
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कमल के बीज को अंकुरित करने की विधि के बारे में बात करें, तो आप सबसे पहले कमल की अच्छी और उच्च क्वालिटी वाली किस्म का बीज मार्केट से ले आएं. कमल के बीज को पहले ही अंकुरित कर लें. बीज को थोड़ा घिस कर साफ़ पानी में गिरा दें और बीज को अंकुरित होने के लिए छोड़ दें, जब बीज अंकुरित हो जाएं तो आप इसे तालाब में गहराई में दबा दें.
कमल की जड़, कमल का बीज और कमल के फूल के कई औषधीय गुण हैं. कमल को पाचन शक्ति बढ़ाने और नींद संबंधी रोग को दूर करने और साथ ही एंजायटी को दूर करने जैसी समस्याओं में विशेष महत्व है. कमल के पत्ते, बीज और जड़ सभी का औषधीय रूप में विशेष महत्व है. वहीं जो किसान औषधीय खेती करते हैं उनके लिए कमल की खेती का एक विशेष महत्व है.
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