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खरीफ फसलों के लिए घातक है ये कीट, राजस्‍थान में बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

खरीफ फसलों के लिए घातक है ये कीट, राजस्‍थान में बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

मानसून सीजन में किसानों को एक ओर अच्‍छी बारिश की उम्‍मीद रहती है तो वहीं इसके साथ कीटों की समस्‍या भी आती है. अगर ध्‍यान न दिया जाए तो ये कीट फसल को चंद दिनों में सफा चट कर दें. इन दिनों राजस्‍थान के कुछ इलाकों में खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कातरा कीट का प्रकोप चल रहा है. आइए इसके बारे में जानें...

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कातरा कीट खरीफ फसलों को पहुंचा रहा नुकसान (फाइल फोटो) कातरा कीट खरीफ फसलों को पहुंचा रहा नुकसान (फाइल फोटो)

मानसून में बारिश के बीच खेतों में खरीफ की फसलों पर अचानक कातरा कीट (रेड हेयरी केटरपिलर) का खतरा मंडराने लगा है. कातरा (रेड हेयरी केटरपिलर) का वैज्ञानिक नाम 'ऐमसैक्टा मूरी' है. लेपिडोप्टेरा गण से आने वाला कातरा एक सर्वभक्षी कीट है, जो उत्तरी भारत में अधिकता से पाया जाता है. इसकी बॉडी लाल-भूरे रंग के बालों से ढकी होती है. यह कीट खरीफ की फसलों में ज्वार, बाजरा, मूंग,मोड़, तिल, ग्वार और सनई को नुकसान पहुंचाता है.

शुरूआत में ही नियंत्रण पाना जरूरी

राजस्‍थान में जयपुर के ग्रामीण अंचलों में किसानों को कातरे की लट पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. विभाग के मुताबिक, लट अवस्था वाला कीट ही फसलों को नुकसान पहुंचाता है. मानसून के दौरान बारिश में कातरा कीट जमीन से बाहर निकलते हैं. इन कीट-पतंगों को अगर समय पर नष्ट कर दिया जाए तो लट के प्रकोप को काफी कम किया जा सकता है. 

इसकी रोकथाम के लिए किसान खास तरीका अपनाते हैं, जिसके तहत किसान कीटों को लाइट की ओर आकर्षित करते हैं. किसान खेत की मेड़ पर गैसलैंप, लालटेन या बिजली का बल्ब जलाकर रखते है. कीट आकर उसमें चिपक जाते हैं. इसके अलावा खेतों में जगह-जगह पर घास और कचरा एकत्रित कर जलाने से भी पतंगे रोशनी की तरफ आकर्षित होकर जलकर नष्ट हो जाते हैं. 

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डीडवाना में कातरा ने मचाया आतंक

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्‍थान के डीडवाना में भी अच्‍छी बारिश होने से किसानों को इस वर्ष खरीफ की फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन कातरा कीट (रेड हेयरी केटरपिलर) इसपर पानी फेर रहा है. डीडवाना इलाके के दर्जनभर गांवों में कातरा फसलों को चट कर रहा है. साथ ही तेजी से पनप रहा है और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है. 

जानकारी के अनुसार, इलाके में बोई गई फसलों को 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है. जिसकी वजह से खेत के खेत खाली हो रहे हैं. वहीं, किसान खेतों में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर कातरा कीट से फसल बचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अत्यधिक कीट पैदा होने के कारण दवा के छिड़काव के बाद भी कोई फायदा नहीं हो रहा है.

इधर, खेतों में कातरा से फसलों को हो रहे नुकसान को देखकर कृषि विभाग भी हरकत में आया और खरीफ फसलों को कातरा से बचाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. वहीं, विभाग के अफसर क्षेत्र के गांवों में घूम-घूमकर कर किसानों को इसके बारे में जागरूक कर रहे हैं.