मध्य प्रदेश में ज्वार और बाजरा की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. किसानों से उपज खरीद के लिए 1400 से अधिक केंद्रों को स्थापित किया गया है. इसके अलावा राज्य स्तर पर पेमेंट भुगतान तक किसानों को होने वाली किसी भी तकनीकी समस्या को हल करने के लिए जिला और राज्य स्तर पर तकनीकी सेल का गठन किया गया है. किसानों को उपज बिक्री का भुगतान सीधे उनके खाते में 48 घंटे के अंदर करने के निर्देश दिए गए हैं.
मध्य प्रदेश में 22 नवंबर से ज्वार और बाजरा किसानों से उपज खरीद शुरू हो चुकी है. मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि ज्वार और बाजरा की सरकारी खरीद 22 नवंबर से सरकारी खरीद की जा रही है. किसान अपनी फसल को 20 दिसंबर 2024 तक बेच सकेंगे. उन्होंने कहा कि उपज की खरीद पूरे सप्ताह सोमवार से शुक्रवार तक होगी. शनिवार और रविवार को फसल खरीद बंद रहेगी.
राज्य सरकार ने मोटे अनाज की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर शुरू कर दी है. खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए केंद्र ने राज्य सरकार को एमएसपी पर उपज खरीद की मंजूरी दी है. ज्वार मालदंडी किस्म के लिए एमएसपी 3,421 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. जबकि, ज्वार की हाइब्रिड किस्म के उपज के लिए सरकार ने 3,371 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय की गई है. इसी तरह बाजरा के लिए 2,625 रुपये क्विंटल एमएसपी की गई है. मध्य प्रदेश सरकार किसानों को एमएसपी पर उपज खरीद का पैसा भुगतान कर रही है.
मध्य प्रदेश सरकार ने ज्वार और बाजरा का कुल खरीद टारगेट 3.50 लाख मीट्रिक टन तय किया है. इसमें से बाजरा खरीद का टारगेट 3 लाख मीट्रिक टन है और ज्वार खरीद का टारगेट 50 हजार मीट्रिक टन तय किया गया है. दोनों फसलों की बिक्री के लिए कुल 16 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं. बाजरा की बिक्री के लिए 9854 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और ज्वार की बिक्री के लिए 5933 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया है.
राज्य कृषि विभाग ने कहा कि किसानों से फसल खरीद के दौरान समस्या दूर करने और मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है. इसके लिए टेलीफोन नंबर 0755-2551471 जारी किया गया है. इस नंबर पर किसान सुबह 9 बजे से रात 7 बजे तक कॉल करके अपनी समस्याओं या दिक्कत को बताकर हल हासिल कर सकेंगे. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन और खरीद में आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिये जिलावार एक तकनीकी सेल का गठन किया जायेगा. राज्य स्तर पर भी तकनीकी सेल का गठन किया जायेगा. जिला स्तरीय समिति खरीद संबंधी सभी विवादों का निपटान, खरीद उपज की क्वालिटी की निगरानी करेगी.
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