सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने रेपसीड-सरसों के उत्पादन अनुमान को 120.9 लाख टन से घटाकर 115.8 लाख टन कर दिया है. दरअसल, SEA ने RMSI क्रॉपैलिटिक्स को सीजन 2023-24 के लिए अखिल भारतीय रेपसीड-सरसों की फसल का सर्वेक्षण करने के लिए नियुक्त किया था. मई के दौरान किए गए सर्वेक्षण के अंतिम दौर के आधार पर, रेपसीड-सरसों की फसल का अनुमान मार्च में 120.9 लाख टन के पिछले अनुमान से घटाकर 115.8 लाख टन कर दिया गया है.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, SEA के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को सीजन के पहले अल नीनो मौसम की स्थिति के प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना पड़ा है. इसमें परिपक्वता चरण के दौरान भीषण गर्मी और मिट्टी की नमी में भारी कमी शामिल थी, जिससे उपज में कमी आई है. मई के सर्वेक्षण में राजस्थान में फसल उत्पादन 45.34 लाख टन (मार्च के सर्वेक्षण में 46.13 लाख टन के मुकाबले) अनुमानित किया गया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 17.88 लाख टन (20.03 लाख टन), मध्य प्रदेश में 16.03 लाख टन (17.58 लाख टन) और हरियाणा में 11.68 लाख टन (12.26 लाख टन) सरसों उत्पादन का अनुमान है.
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हालांकि, पश्चिम बंगाल में 7.09 लाख टन, गुजरात में 4.57 लाख टन, असम में 2.06 लाख टन और छत्तीसगढ़ में 1.11 लाख टन सरसों के उत्पादन अनुमान में कोई बदलाव नहीं हुआ. ऊपर बताए गए आठ राज्यों के उत्पादन अनुमान को मई में सर्वेक्षण के अंतिम दौर में घटाकर 105.78 लाख टन कर दिया गया, जबकि मार्च के सर्वेक्षण दौर में यह अनुमान 110.86 लाख टन था. देश के बाकी राज्यों में अनुमान में कोई बदलाव नहीं हुआ है. बाकी सभी राज्यों में उत्पादन करीब 10 लाख टन रहने का अनुमान है.
मेहता ने कहा कि रेपसीड-सरसों का उत्पादन 2023-24 में 115.8 लाख हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2022-23 में 111.80 लाख हेक्टेयर था, जो 3.5 प्रतिशत की वृद्धि है. रिमोट सेंसिंग आधारित अनुमान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रेपसीड-सरसों के बीज का रकबा 2022-23 में 95.8 लाख हेक्टेयर (एलएच) से बढ़कर 2023-24 में 100.6 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो 5 प्रतिशत की वृद्धि है. इसमें राजस्थान में 38 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 17.76 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 13.98 लाख हेक्टेयर और हरियाणा में 7.59 लाख हेक्टेयर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि चालू सीजन में रेपसीड-सरसों की पैदावार 1151 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होगी, जबकि 2022-23 में यह 1168 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होगी.
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