राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के अध्यक्ष शरद पवार अब महाराष्ट्र के दूध किसानों के लिए आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बुधवार को सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर महाराष्ट्र सरकार दूध किसानों को सब्सिडी नहीं देती है तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे. शरद पवार ने कहा कि अगर सरकार डेयरी किसानों को सब्सिडी देने में नाकाम रही तो हम सड़कों पर उतरेंगे. एनसीपी (एसपी) प्रमुख ने यह बातें उस वक्त कहीं जब वे पुणे जिले की इंदापुर तहसील के सूखा प्रभावित गांवों के दौरे पर गए थे. इंदापुर तहसील के किसान सूखे के संकट का सामना कर रहे हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख ने इस दौरान यह भी कहा कि अगर राज्य के लोगों की समस्याओं का समाधान करना है तो फिर राज्य में सरकार बदलना जरूरी है. जब उनसे कृषि ऋण माफी और किसानों को फसलों के उचित मूल्य दिलाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि वर्तमान में राज्य की शिवसेना-बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार किसानों की समस्याओं को समझती है. आगामी विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए वरिष्ठ राजनेता ने कहा कि यदि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आपको अगले चार से छह महीनों में नीतियां बनाने की शक्ति हमें सौंप देनी चाहिए.
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बता दें कि महाराष्ट्र के डेयरी किसान भारी दुविधा में फंसे हुए हैं. डेयरी किसानों का आरोप है कि पड़ोसी राज्य के डेयरी किसानों की तुलना में उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है. उनका कहना है कि उन्होंने दूध से मुनाफा कमाने के लिए भैंस और गाय का पालन किया था. पर मुनाफे के तौर पर उनके हिस्से सिर्फ गोबर आ रहा है. इसे लेकर कई बार किसान सड़क पर उतरकर विरोध जता चुके हैं. विरोध के तौर पर कई बार डेयरी किसान दूध को सड़कों पर बहा कर प्रदर्शन कर चुके हैं. पर किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है. डेयरी कंपनियां दूध के दाम तो बढ़ा रही हैं पर इसका फायदा दूध उत्पादकों को नहीं मिल रहा है.
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किसानों का कहना है कि उनसे सस्ता दूध खरीद कर महंगे दाम में ग्राहकों को बेचा जा रहा है और मुनाफा कंपनियों की जेब में जा रहा है. महाराष्ट्र में एक दर्जनों कॉपरेटिव हैं. पर किसानों के हित में कोई भी कॉपरेटिव काम करने के लिए तैयार नहीं है. यही कारण है कि राज्य के डेयरी किसानों को कॉपरेटिव की तरफ से जो फायदा मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि आसपास के राज्यों के कॉपरेटिव भी यहां आकर किसानों से सस्ता दूध खरीद कर ले जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि जो कंपनियां गुजरात में किसानों से 36-37 रुपये लीटर दूध खरीद रही है, वही कंपनियां महाराष्ट्र के किसानों ने 26 रुपये लीटर दूध खरीद रही है. इससे किसानों में नाराजगी है.
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