यूरोपीय बाजार से भारतीय अंगूर की मांग में तेजी देखी जा रही है. ऐसे में 2023-24 सीजन में ताजा अंगूर निर्यात में 10 फीसदी के उछाल देखी जा रही है. मार्च भर निर्यात सीजन पीक पर रहने के चलते यह बढ़त बीते साल की तुलना में दोगुनी होने की बात कही जा रही है. जबकि, बीते साल की तुलना में अब तक शिपमेंट वॉल्यूम में 20 फीसदी का उछाल देखा जा रहा है. इससे भारतीय अंगूर किसानों और उत्पादकों के चेहरे खिल गए हैं. वहीं, अधिक माल ढुलाई लागत ने मिल रही अच्छी कीमत से उत्पादकों परेशानी को कम कर दिया है.
भारतीय अंगूर की सर्वाधिक खपत यूरोपीय बाजार में होती है. यूरोपीय बाजारों से ताजा अंगूर की मजबूत मांग के चलते 2023-24 सीजन में भारतीय अंगूर निर्यात में 10 फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. लाल सागर के रास्ते में हूती विद्रोहियों के खतरे के चलते शिपमेंट लागत लगभग दोगुनी हो गई है. निर्यातकों ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से अंगूर सप्लाई में बाधाओं के चलते यूरोप में भारतीय अंगूर की मांग बढ़ाने में मदद की है.
देश के सबसे बड़े अंगूर एक्पोर्टर स्याहदरी फॉर्मस के चेयरमैन विलास शिंदे ने बिजनेसलाइन को बताया कि अंगूर की शिपमेंट वॉल्यूम में इसी समय बीते साल की तुलना में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है. उन्होंने कहा कि जल्दी फसल कटाई के चलते पिछले साल की तुलना में इस बार 3 सप्ताह पहले ही निर्यात सीजन शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि शिपमेंट यातायात बाधाओं के चलते माल ढुलाई लागत अधिक पड़ रही है, लेकिन यूरोप हमारे अंगूर के लिए सबसे बड़ा मार्केट है और वहां से मांग अधिक आने के साथ ही कीमतें भी अच्छी मिल रही हैं.
भारतीय अंगूर का निर्यात सीजन मुख्य रूप से जनवरी- मार्च के बीच तेजी से चलता है. नवंबर के आखिर में और दिसंबर की शुरूआत में बारिश के बावजूद इस सीजन में अंगूर उत्पादन बढ़िया रहा है और क्वालिटी भी बेहतर दर्ज की गई है. लाल सागर रूट में बाधाओं के चलते अंगूर निर्यात में दोहरी बढ़त मिलने की उम्मीद जताई गई है. भारत ने 2022-23 सीजन में 2.67 लाख टन अंगूर निर्यात किया था. मार्च में निर्यात पीक पर रहता है और इस बार बीते साल की तुलना में निर्यात दोगुना मात्रा में पहुंच सकता है.
यूरोपीय बाजार में नीदरलैंड भारतीय अंगूर का सबसे बड़ा खरीदार है. यह देश कुल भारतीय अंगूर की शिपमेंट में से 40 फीसदी की खरीद करता है. इसके अलावा यूएई, यूके, रूस और बांग्लादेश भी भारतीय अंगूर के सबसे बड़े खरीदार हैं. इन देशों में दक्षिण अफ्रीका से भी अंगूर की सप्लाई होती है, लेकिन मौजूदा ट्रेड रूट बाधाओं के चलते भारतीय अंगूर की मांग इन बाजारों में तेजी से बढ़ रही है.
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