भारत सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के जरिए से संयुक्त अरब अमीरात को 10,000 टन अतिरिक्त प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है. यह 1 मार्च को 14,400 टन की अनुमति से अलग है. बता दें कि सरकार 7 दिसंबर, 2023 को प्याज एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के बाद सरकार अब तक सरकार ने 79,150 टन प्याज के निर्यात को मंजूरी दी है. सरकार ने वैश्विक आपूर्ति परिदृश्य और अल नीनो के तहत सूखे का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निर्यात प्रतिबंध को उचित ठहराया था. इस बीच भारत में प्याज का उत्पादन भी कम हो गया है. प्रतिबंध से पहले सरकार ने सबसे पहले प्याज पर अगस्त 2023 में 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था, ताकि घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़े और दाम पर काबू पाया जा सके.
इसके बाद भी बात नहीं बनी तो घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अक्टूबर में 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया. उसके बाद 7 दिसंबर की देर रात एक्सपोर्ट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. तब से अब तक सरकार ने भूटान को 550 टन, बहरीन को 3,000 टन, मॉरीशस को 1,200 टन, बांग्लादेश को 50,000 टन और संयुक्त अरब अमीरात को 24,400 टन पयाज निर्यात की अनुमति दी है.
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इस बीच, व्यापारियों ने बताया कि 1 मार्च की अधिसूचना में संयुक्त अरब अमीरात को प्रति तिमाही 3,600 टन प्याज निर्यात करने की लिमिट तय की गई थी. लेकिन 2 अप्रैल की अधिसूचना में ऐसी कोई शर्त नहीं है, जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि अतिरिक्त 10,000 टन का निर्यात तिमाही के बाद कभी भी किया जा सकता है या नहीं. सरकार कुछ देशों को प्याज दे रही है, लेकिन अभी एक्सपोर्ट पूरी तरह से नहीं खोला गया है. सरकार ने एक नए नोटिफिकेशन के जरिए प्याज का एक्सपोर्ट बैन को 31 मार्च 2024 से अनिश्चिकाल के लिए आगे बढ़ा दिया है.
एक्सपोर्ट बैन की वजह से सबसे ज्यादा किसी का नुकसान हो रहा है तो वो हैं किसान. क्योंकि घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ने की वजह से दाम काफी गिर गए हैं. उनकी लागत भी नहीं निकल रही है. ऐसे में वो सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं कि क्या उन्होंने प्याज की खेती करके कोई गुनाह कर दिया. इसलिए अब लीपापोती करने के लिए हाल ही में केंद्र ने घोषणा की कि वह किसानों पर निर्यात प्रतिबंध के असर को कम करने के लिए किसानों से सीधे 5 लाख टन प्याज खरीदेगा.
रबी सीजन के प्याज का उत्पादन 2023-24 (जुलाई-जून) में 18 प्रतिशत घटकर 193 लाख टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले 236 लाख टन था. रबी प्याज देश के वार्षिक उत्पादन में 72-75 प्रतिशत का योगदान देता है, जो इसे साल भर की उपलब्धता के लिए महत्वपूर्ण है. रबी सीजन के प्याज की शेल्फ लाइफ खरीफ सीजन के प्याज से बेहतर होती है. इसलिए इसे मई से लेकर दिसंबर तक स्टोर करके रखा जा सकता है.
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