आईसीएआर-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईआईएसआर), कोझिकोड ने 'आईआईएसआर चंद्रा' नाम से काली मिर्च की एक बंपर उपज देने वाली किस्म विकसित की है. खास बात यह है कि संस्थान ने इस किस्म का जीनोम अनुक्रमण भी पूरा कर लिया है. कहा जा रहा है कि आने वाले समय में अगर किसान इस किस्म की बुवाई करते हैं, तो उन्हें काली मिर्च की बंपर पैदावार मिलेगी. वहीं, वैज्ञानिकों के इस सफलता से केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र के किसानों को ज्यादा फायदा होगा. क्योंकि इन्हीं राज्यों में किसान सबसे अधिक रकबे में काली मिर्च की खेती करते हैं.
ऐसे परंपरागत रूप से, काली मिर्च की नई किस्में दो मौजूदा किस्मों को क्रॉस कर बनाई जाती हैं. हालांकि, IISR ने IISR चंद्रा के विकास में एक अलग तरीका अपनाया है. शुरुआत में, संकर किस्म का उत्पादन करने के लिए चोलमुंडी और थॉम्मनकोडी किस्मों को क्रॉस कर नई किस्म बनाई गई. इसके बाद, इसमें मौजूद सभी इसकी क्वालिटीज को बनाए रखने के लिए इस संकर को थॉम्मनकोडी के साथ हाइब्रिडाइजेशन कराया गया.
आईआईएसआर चंद्राकिस्म में लंबी स्पाइक, कॉम्पैक्ट सेटिंग और बोल्ड बेरी हैं. साथ ही इसमें तीखापन की इनटेनसिटी भी अधिक है. अगर किसान इसकी खेती करते हैं, तो प्रति बेल 7.5 किलोग्राम काली मिर्च का उत्पादन कर सकते हैं. आईसीएआर-आईआईएसआर, कोझिकोड के निदेशक आर दिनेश का कहना है कि नई किस्म देश की काली मिर्च अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि आईआईएसआर चंद्रा बेहतर उपज देने वाली किस्म साबित हो सकता है और संभावित रूप से कुछ प्रचलित काली मिर्च की किस्मों की जगह ले सकता है. वैज्ञानिकों की शोध टीम में शिवकुमार एमएस, बी शशिकुमार, केवी साजी, शीजा टीई, केएस कृष्णमूर्ति और शिवरंजनी शामिल थे.
ये भी पढ़ें- Indrayani Rice Variety: क्या है इंद्रायणी चावल की पहचान, जानें स्वाद सुगंध और इससे जुड़ी खास बातें
काली मिर्च हर भारतीय के किचन में मौजूद होता है. इसके बगैर में टेस्टी और लजीज सब्जी के बारे में सोंच भी नहीं सकते हैं. साथ ही काली मिर्च का इस्तेमाल दवाइयों के रूप में भी किया जाता है. ऐसे भारत में सबसे अधिक काली मिर्च की खेती केरल में होती है. हालांकि, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी किसान काली मिर्च की खेती करते हैं. खास बात यह है कि केरल देश में उत्पादित कुल काली मिर्च का 98 प्रतिशत प्रोडक्शन अकेले ही करता है. काली मिर्च की खासियत है कि इसकी फसल न ज्यादा ठंड औऱ न ही ज्यादा गर्मी सहन कर पाती है. वातावरण में जितनी अधिक ह्यूमिडिटी रहेगी काली मिर्च की फसल उतनी तेजी के साथ ग्रोथ करती है.
ये भी पढ़ें- Farmers Protest: एसकेएम का विरोध प्रदर्शन, 26 नवंबर से तीन दिनों का शुरू होगा आंदोलन
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today