हरियाणा में खरीफ फसलों की खरीद विधानसभा चुनाव के बीच होगी. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की घोषणा की है. इस ऐलान के बाद यह पहला खरीद सीजन है. वो भी विधानसभा चुनावों के दौरान शुरू हो रहा है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार ने सिर्फ वादा किया है या फिर वो खरीद को लेकर भी गंभीर है. क्या वो सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद करने वाले अपने वादे पर खरा उतरेगी? यहां 5 अक्टूबर को चुनाव होंगे और 8 को रिजल्ट आएगा. इस बीच 1 अक्टूबर से खरीद शुरू हो जाएगी. सरकार ने धान, बाजरा, कपास, मूंग, मक्का, ज्वार, मूंगफली, तिल और अरहर की खरीद करने का ऐलान कर दिया है. बासमती धान भी मंडियों में बिकने आने लगा है, लेकिन यह एमएसपी के दायरे में नहीं आता.
कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि अगर शुरुआती दिनों में खरीद अच्छी हुई तो इसका सरकार को फायदा मिल सकता है. हालांकि, इस बार किसान धान की नमी से परेशान हैं. नमी ज्यादा होने से खरीद प्रभावित हो सकती है. दरअसल, हरियाणा में 20 सितंबर तक औसत से दोगुनी से भी अधिक बारिश हुई है. इसी के चलते धान की सरकारी खरीद 23 सितंबर की बजाय 1 अक्तूबर से करने का फैसला किया गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण सभी जिलों में फसलों में नमी की मात्रा बढ़ रही है, जिससे किसानों को फसल काटने और सुखाने में देरी की संभावना है. खरीद 15 नवंबर तक होगी ताकि किसान अपनी फसल को सुखाकर मंडियों में ला सकें.
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खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केवल सितंबर महीने में अब तक 108.9 एमएम बारिश हो चुकी है, जबकि वर्ष 2023 में पूरे अगस्त में 69.3 एमएम और पूरे सितंबर में केवल 39.3 एमएम बारिश हुई थी. इस साल अगस्त और सितंबर में लगातार बारिश होने के कारण समय से पहले फसलों की जल्दी कटाई की संभावना अब बहुत कम है. इसलिए खरीद की शुरुआती तारीख में बदलाव का निर्णय लिया गया है.
हरियाणा प्रमुख धान उत्पादक राज्य है. खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान 60 लाख टन धान की खरीद होने की संभावना है. पिछले साल यानी खरीफ मार्केटिंग सीजन 2023-2024 में राज्य के 2,82,847 किसानों ने 58,92,721 मीट्रिक टन धान सरकार को बेचा था.
बहरहाल, इस साल केंद्र ने कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये और ग्रेड-ए वाले धान का दाम 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. धान की खरीद के लिए प्रदेश में 241 मंडियां तय की गई हैं. बाजरा की खरीद के लिए 91 और मूंग की खरीद के लिए 38 मंडियां निर्धारित की गई हैं. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान ही एमएसपी पर अपनी फसल बेच पाएंगे.
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