सरकार ने 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लगाया अनुमान, कहा- आयात को लेकर नहीं है कोई प्लान

सरकार ने 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लगाया अनुमान, कहा- आयात को लेकर नहीं है कोई प्लान

1 जनवरी तक राज्य के गोदामों में देश का गेहूं का स्टॉक 16.47 मिलियन टन था, जो 2017 के बाद से सबसे कम है. वहीं, पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अभी गेहूं, चावल और चीनी पर निर्यात प्रतिबंध जारी रखेगा.

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सरकार ने 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लगाया अनुमान, कहा- आयात को लेकर नहीं है कोई प्लानदेश में गेहूं का होगा बंपर उत्पादन. (सांकेतिक फोटो)

इस साल देश में गेहूं की बंपर पैदावार होगी. इसलिए केंद्र सरकार ने गेहूं आयात को लेकर कोई योजना नहीं बनाई है. सरकार का कहना है कि घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से गेहूं नहीं खरीदे जाएंगे. क्योंकि देश में 114 मिलियन टन गेहूं के उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत इस बार दूनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश बनेगा. 

उनकी माने तो इस बार रबी फसल के अनुकूल मौसम है, जिससे गेहूं की अच्छी पैदावार होगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल रिकॉर्ड 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन होने की उम्मीद है. वहीं, जानकारों का कहना है कि अगर गेहूं उत्पादन का अनुमान सही साबित होता है, तो नई फसल आने के बाद महंगाई में कमी आ सकती है. खास कर आटे की कीमत में गिरावट आएगी. मार्केट में गेहूं की सप्लाई बढ़ने से आटे से बनने वाले अन्य खाद्य पदार्थ भी सस्ते हो सकते हैं.

रूस- यूक्रेन जंग

दरअसल, गर्मी और लू के कारण उत्पादन में कटौती के बाद भारत ने 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते विदेशों में गेहूं की बिक्री बढ़ी, जिससे वैश्विक कीमतें कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. हालांकि, सरकार देश में महंगाई पर लगाम लगाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. सरकार ने जून से अब तक स्थानीय थोक खरीदारों को लगभग 6 मिलियन टन गेहूं बेचा है. वहीं, एक सरकारी अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अपने अन्न भंडार से गेहूं बेचने के बावजूद, राज्य के गोदामों में भंडार 1 अप्रैल के लिए निर्धारित 7.46 मिलियन टन के लक्ष्य से ऊपर रहने की संभावना है.

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देश में गेहूं का स्टॉक

1 जनवरी तक राज्य के गोदामों में देश का गेहूं का स्टॉक 16.47 मिलियन टन था, जो 2017 के बाद से सबसे कम है. वहीं, पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अभी गेहूं, चावल और चीनी पर निर्यात प्रतिबंध जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि हम उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.  

मक्के की बंपर खेती

दरअसल, देश में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार का मानना है कि इससे चावल की कीमतों में गिरावट आई है. हालांकि, सरकार ने नए साल में चीनी निर्यात करने से भी रोक दिया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री ने पोल्ट्री उद्योग की मांगों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार के पास मक्का के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति देने की कोई तत्काल योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में किसान इस साल अधिक रकबे में मक्के की खेती करेंगे.

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