भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने जीएम फूड को लेकर नया मसौदा तैयार किया है. इस मसौदे का जीएम-मुक्त भारत संगठन ने विरोध किया है.संगठन ने देश में जेनेटिकली मोटिफाइड फूड को रेग्यूलेट करने के लिए एक व्यापक ढांचा बनाने की अपील की है. संगठन चाहता है कि प्राधिकरण जीएम फूड से जुड़े लोगों को उन राज्यों के एजेंसी से जुड़ा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अनुमति दे, जहां वे अपने उत्पादों को बेचना चाहते हैं. वहीं संगठन ने जीएम फूड की खराबी को रोकने के लिए नमूनो का परीक्षण करने और आपूर्ति करने वाले बिंदुओं की निगरानी के लिए एक तंत्र की भी मांग की है.
एफएसएसएआई (FSSAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे गए पत्र में संगठन ने खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम 2022 के मसौदे के जवाब में चेतावनी दी कि जीएम फूड प्रोडक्ट लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाएंगे. संगठन का कहना है कि जीएम फूड के ब्रिक्री के किसी भी आवेदन के लिए अंतिम मंजूरी लोगों के विचार करने पर आधारित होनी चाहिए. वहीं संगठन ने अवैध जीएम जीएम बिक्री के खिलाफ निगरानी और कार्रवाई की भी मांग की है.
पत्र में कहा गया है कि, आवेदन प्राप्त करने और उन पर निर्णय लेने के लिए नियम केवल प्रक्रिया के बारे में नहीं हो सकते हैं. इसे जनता को अवैध जीएम खाद्य बिक्री को रोकना और रक्षा करनी चाहिए. जिसको लेकर मसौदा नियम पूरी तरह से चुप है.
ये भी पढ़ें:- वैदिक ज्ञान से रामचंद्रन करते हैं 70 फीसदी तक मौसम का सटीक पूर्वानुमान
संगठन ने अपने पत्र में कहा है कि उपभोक्ताओं को जीएम फूड प्रोडक्ट के बारे में जानने का अधिकार है. ऐसे में संगठन ने जीएम फूड प्रोडक्टों पर अनिवार्य लेबलिंग की मांग की है. वहीं संगठन ने जीएम फूड पदार्थो के सेवन से नुकसान होने पर उपभोक्ताओं को क्षतिपूर्ति के तौर पर 1 करोड़ देने का प्रावधान करने की मांग भी की है. उन्होंने कहा, यह प्रस्तावित नियम एक गैर जिम्मेदारी वाले नियम की व्यवस्था को दर्शाता है. भले ही खाद्य प्राधिकरण को नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई हो.
जीएम फूड यानी जेनेटिकली मोटिफाइड फूड को किसी पेड़ पौधे या जीव के आनुवंशिक या प्राकृतिक गुणों को बदल देता है. इसके तहत डीएनए या जीनोम कोड को बदला जाता है. जीएम फूड का मुख्य मकसद होता है अनुवांशिक गुणों को बदलकर ऐसे गुण लाना है जिससे मानव सभ्यता को फायदा हो.
ये भी पढ़ें:-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today