नासिक में लगातार बारिश के कारण प्याज का उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसके चलते गोवा में इसकी कीमतों में वृद्धि हुई है. महंगाई का आलम यह है कि वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर सहित कई शहरों में प्याज 60 रुपये किलो बिक रहा है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. हालांकि, कुछ दिनों पहले यह रिटेल मार्केट में 50 रुपये किलो बिक रहा था. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में त्योहार के चलते प्याज की कीमत में और बढ़ोतरी हो सकती है. इसी तरह लहसुन भी गोवा में महंगा हो गया है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गोवा राज्य बागवानी निगम लिमिटेड (GSHCL) के आउटलेट पर, प्याज वर्तमान में 54 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है. GSHCL के प्रबंध निदेशक चंद्रहास देसाई ने कहा कि नासिक में लगातार भारी बारिश हो रही है. इसके कारण प्याज की दूसरी फसल आने में देरी हुई. इसके चलते प्याज की नई फसल अभी तक बाजार में नहीं आई है. बेलगावी में भी इस बार प्याज का उत्पादन बहुत कम हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि प्याज उत्पादन की समस्या कम से कम एक महीने तक बनी रह सकती है. देसाई ने कहा कि आने वाले दिनों में कीमतों में फिर से 4-5 रुपये प्रति किलो की वृद्धि होने की संभावना है.
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खास बात यह है कि प्याज के साथ-साथ लहसुन भी महंगा हो गया है. खुदरा बाजार में लहसुन भी 480-500 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. पणजी नगरपालिका बाजार के विक्रेताओं ने इसका कारण भारी बारिश के कारण बेलगावी में फसल की बर्बादी को बताया है. विक्रेता इमामकासिब मोकाशी ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं की ओर से मांग के अनुसार लहसुन की सप्लाई नहीं हो पा रही है. इससे कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. जब तक मार्केट में बंपर सप्लाई शुरू नहीं हो जाती, तब तक इससे कोई राहत नहीं मिलेगी.
दूसरी ओर, पिंपलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में टमाटर के औसत थोक मूल्य में गिरावट आई है. नासिक शहर के खुदरा बाजारों में टमाटर का खुदरा मूल्य अब 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है, जो 15 दिन पहले तक लगभग 50 रुपये था. नतीजतन, गोवा के बाजार में रसदार लाल टमाटर 30-40 रुपये प्रति किलो बेचे जा रहे हैं. ऐसे नासिक जिले में खरीफ टमाटर की औसत खेती का रकबा लगभग 21,000 हेक्टेयर होने का अनुमान है, जिसमें प्रति हेक्टेयर 30 टन उत्पादकता है. इस सीजन में जिले में खरीफ टमाटर का उत्पादन 6.3 लाख टन होने का अनुमान है.
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