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महाराष्‍ट्र में पहले प्‍याज, अब सोयाबीन-कपास की कम कीमत बनी चुनावी मुद्दा, राहुल गांधी ने कही ये बात

महाराष्‍ट्र में पहले प्‍याज, अब सोयाबीन-कपास की कम कीमत बनी चुनावी मुद्दा, राहुल गांधी ने कही ये बात

20 नवंबर को महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव की वोटिंग है. एक ही चरण में सभी सीटों पर एकसाथ मतदान होगा, जिसके नतीजे इसी महीने की 23 तारीख को आएंगे. इस बीच अब सोयाबीन और कपास की गिरती कीमतों को लेकर सत्‍तारूढ़ दलों की परेशानी बढ़ी है, जबकि‍ विपक्षियों ने इस मुद्दा पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

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कपास और सोयाबीन कपास और सोयाबीन

इस साल हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्‍ट्र में महायुति और इसकी सहयोगी भाजपा के लिए नतीजे आशाजनक नहीं रहे. वहीं, अब राज्‍य में विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की तैयारियां तेज हैं. लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां प्‍याज की खेती वाले इलाकों में 12 सीटों का नुकसान हुआ था. यह ऐसा समय था, जब प्‍याज की कीमतें बहुत कम थीं, लेकिन अब प्‍याज की कीमतें बहु‍त बढ़ गई हैं, जिससे किसानों को राहत के साथ बहुत फायदा भी हो रहा है. प्याज एक्‍सपोर्ट पर लगे बैन पर सरकार की ओर से हाल ही में दी गई ढील से भी किसानों को फायदे की उम्मीद है.

सोयाबीन-कपास से बिगड़ेगा खेल!

राज्‍य में अब 20 नंवबर को वोटिंग होनी है, लेकिन इस बार सोयाबीन और कपास का गिरता भाव सत्‍ता में बैठी महायुति की टेंशन बढ़ा रहा है. वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इसपर भाजपा को घेरा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्‍ट्र के सोयाबीन और कपास किसानों को साधते हुए कहा कि जैसे ही राज्‍य में कांग्रेस के गठबंधन वाली (महा विकास अघाड़ी) की सरकार बनेगी. वे उन्‍हें फसल की सही कीमत देने की कोशि‍श करेंगे.

राहुल गांधी ने उठाया मुद्दा

राहुल गांधी ने अपने एक्‍स पोस्‍ट पर महाराष्‍ट्र के चिखली के लोगों के नाम संदेश लिखा, '’मैं आप सभी से माफी चाहता हूं. मुझे आज चिखली आना था. वहां मुझे सोयाबीन के किसानों से मिलना था और एक जनसभा को संबोधित करना था, लेकिन हवाई जहाज में तकनीकी खराबी के कारण नहीं आ पाया. मैं जानता हूं कि महाराष्ट्र में किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. BJP की सरकार सोयाबीन और कपास के किसानों को सही दाम नहीं देती है. मैं आपसे कहना चाहता हूं कि INDIA की सरकार आपका ख्याल रखेगी और तुरंत आपकी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करेगी.’’

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प्‍याज किसान को हो रहा फायदा

मालूम हो कि महाराष्‍ट्र का नासिक जिला देश का सबसे बड़ा प्‍याज उत्‍पादक जिला है. और यहीं प्‍याज का सबसे बड़ा थोकबाजार- ‘लासलगांव थोक बाज़ार’ भी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुता‍बिक, यहां किसान प्‍याज की उपज पर 6000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्‍यादा कमा रहे हैं. वहीं, जब तक बाजार में नई प्‍याज नहीं आ जाती, तब तक भाव ज्‍यादा ही रहने का अुनमान है. जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में प्रतिकिलो प्‍याज की कीमतें 20 रुपये तक बढ़ गई हैं. पिछले महीने तक इसका भाव 40 चल रहा था, जबकि‍ अब यह बढ़कर 60 रुपये हो गया है.

वहीं, इसके उलट सोयाबीन किसान परेशान हैं, क्‍योंकि सोयाबीन की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे चली गई हैं. महाराष्ट्र में सोयाबीन की कीमतें 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो गई हैं.लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने प्‍याज की कम कीमतों से परेशान किसानों की बेहाली का मुद्दा बनाया था. वहीं अब MVA सोयाबीन की कीमतों को लेकर हमलावर है. बता दें कि मराठवाड़ा, विदर्भ, नासिक, जलगांव और कोल्हापुर में बड़ी संख्‍या में सोयाबीन उगाने वाले किसान हैं, जिनकी संख्‍या प्‍याज उगाने वाले किसानों से कहीं ज्‍यादा है.

केंद्र सरकार ने किया ये ऐलान

इससे पहले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की थी कि सोयाबीन और कपास को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक खरीदा जाएगा. वहीं, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही ऐलान किया था कि वह भाव स्थिर करने के लिए बाजार से 13 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदेगी.