पंजाब के भरे हुए गोदामों में जगह खाली करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) अक्टूबर के अंत तक 15 लाख टन चावल बाहर भेजेगा. राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारुचक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्य में करीब 212 लाख टन भंडारण क्षमता है, जिसमें से करीब 80 फीसदी पिछले सीजन में खरीदे गए गेहूं, धान और चावल से भरा हुआ है. कटारुचक ने कहा कि 31 दिसंबर तक 20 विशेष मालगाड़ियों, कंटेनरों और ट्रकों में करीब 40 लाख टन चावल राज्य के गोदामों से बाहर भेजा जाएगा, जिससे आगामी धान की फसल के लिए पर्याप्त भंडारण हो जाएगा.
पंजाब को इस सीजन में 185 लाख टन धान की बंपर फसल की उम्मीद है, जिसकी प्रोसेसिंग करने के बाद करीब 120 लाख टन चावल मिलेगा. मंत्री ने आगे कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर और गोदामों का निर्माण किया जा रहा है और मार्च 2025 तक पंजाब के पास 90 लाख टन अतिरिक्त भंडारण स्थान होगा. इस सप्ताह की शुरुआत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि कुछ पुराने अनाज को बाहर निकाला जाए ताकि नई खरीद के लिए पर्याप्त जगह सुनिश्चित की जा सके.
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हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में धान की कटाई पहले ही शुरू हो चुकी है. पंजाब सरकार ने चावल मिल मालिकों के परिसर में ताजा धान का स्टॉक रखने के तैयारी पर भी विचार किया था, लेकिन इसका विरोध किया गया. कटारूचक ने किसानों से रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करने से बचने को कहा, क्योंकि इससे खाद्यान्नों के परिवहन में बाधा आएगी. मंत्री ने यह भी बताया कि आढ़तियों ने शुक्रवार से बासमती चावल की खरीद शुरू कर दी है.
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि पंजाब में आढ़तियों और मंडी मजदूरों की हड़ताल चल रही है. इस बीच शुक्रवार को राज्य की एजेंसियों ने 752 मीट्रिक टन धान की खरीदी की है. राज्य में अब तक अनाज मंडियों में 34,812 मीट्रिक टन धान पहुंच चुकी है, लेकिन 39.90 मीट्रिक टन का ही उठान हुआ है. पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा है कि राज्य सरकार की देरी के कारण वे अपनी मांगों को और ज्यादा आक्रामक तरीके से रखने का फैसला कर सकते हैं.
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