कर्नाटक के धारवाड़ में अब किसानों को फसल सब्सिडी हासिल करने के लिए फ्रूट आईडी रखना जरूरी होगी. जिले की कलेक्टर दिव्या प्रभु ने इस बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी दी है. उन्होंने गुरुवार को स्पष्ट किया कि 6000 से ज्यादा किसान जो फसलों के नुकसान का मुआवजा पाने के हकदार हैं अभी तक तकनीकी समस्याओं की वजह से इसे हासिल करने में असफल रहे हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने कलेक्टर प्रभु के हवाले से लिखा है कि जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है, उनसे गांव के राजस्व अधिकारियों ने संपर्क किया है. इन अधिकारियों का मकसद किसानों की मदद करना है ताकि उनकी मुश्किलें दूर हो सकें. दिव्या ने बताया कि धारवाड़ में 1.1 लाख किसान हैं जिन्हें 10 किश्तों में 108.1 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा चुकी हैं. जबकि 6083 किसानों को अभी मुआवजा मिलना बाकी है.
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उन्होंने बताया कि आधार कार्ड और फ्रूट आईडी में लाभार्थियों के नाम मेल नहीं खा रहे हैं. इसके अलावा आधार कार्ड को बैंक अकाउंट्स से लिंक करने में असफलता, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NCPI), निष्क्रिय आधार कार्ड और बैंक खाते और आईएफएससी कोर्ड की गलत जानकारी कुछ ऐसी वजहों में शामिल हैं जिनकी वजह से किसानों के खाते में सब्सिडी क्रेडिट नहीं हो पा रही है.
डीसी ने कहा कि 4918 किसानों से जुड़ी गड़बड़ियों को पहले ही सुलझा लिया गया है. डीसी ने बताया कि इस बात की जानकारी मिली थी 660 किसानों की मौत हो गई है और बाकी 505 किसान शहरों या फिर गांवों में रह रहे हैं. गांव के अधिकारियों ने अपने गृहनगर से बाहर रह रहे लोगों से संपर्क कर गड़बड़ियों को दूर करने की कोशिश की है.
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उन्होंने बताया कि जिन किसानों के मुआवजे के दावे मंजूर हो चुके हैं, उनकी सूची नाडा कचेरी, ग्राम पंचायत, रैथा संपर्क केंद्र और तहसीलदार कार्यालयों के नोटिसबोर्ड पर लगाई गई है. डीसी ने कहा कि योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास फ्रूट आईडी होना अनिवार्य है. जिन किसानों ने अभी तक फ्रूट आईडी नहीं ली है, उनसे अपील की गई है कि वे पीडीओ या रैथा संपर्क केंद्र के अधिकारियों से इसे प्राप्त कर लें.
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