scorecardresearch
धान की खरीद नहीं होने से किसानों में नाराजगी, विरोध में किया ट्रैफिक जाम

धान की खरीद नहीं होने से किसानों में नाराजगी, विरोध में किया ट्रैफिक जाम

मुकेरियां के एसडीएम अश्विनी अरोड़ा और डीएफसी सतवीर सिंह भी मौके पर पहुंचे और किसानों को आश्वासन दिया कि उनका धान खरीदा जाएगा. इन अधिकारियों ने किसानों से धरना उठाने का आग्रह किया, लेकिन अंतिम समाचार मिलने तक वे नहीं माने.

advertisement
धान की फसल धान की फसल

जालंधर में किसानों ने धान खरीद नहीं होने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. गुस्से का इजहार करते हुए किसानों ने दोपहर को जालंधर-पठानकोट हाईवे पर भंगाला कस्बे में ट्रैफिक जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. किसान मंडियों में धान की खरीद नहीं होने पर अपना गुस्सा जाहिर करते देखे गए. किसान नेताओं ने बताया कि पगड़ी संभाल जट्टा लहर दोआबा किसान संघर्ष समिति के बैनर तले दोपहर को जालंधर-पठानकोट हाईवे पर ट्रैफिक जाम कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जब तक पंजाब सरकार किसानों और आढ़तियों की मांगें नहीं मान लेती और उनकी धान की फसल नहीं खरीद लेती, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनी है, तब से उसने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि धान की फसल पूरी तरह पक चुकी है, लेकिन सरकार की ओर से इसकी खरीद के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. इस कारण शैलर मालिक भी धीमी गति से खरीद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान पहले ही घाटे में हैं और धान की खरीद न होने से उनकी परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं. जब तक धान की खरीद के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते, तब तक धरना जारी रहेगा.

धीमी खरीद से किसान परेशान

मुकेरियां के एसडीएम अश्विनी अरोड़ा और डीएफसी सतवीर सिंह भी मौके पर पहुंचे और किसानों को आश्वासन दिया कि उनका धान खरीदा जाएगा. इन अधिकारियों ने किसानों से धरना उठाने का आग्रह किया, लेकिन अंतिम समाचार मिलने तक वे नहीं माने.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में राइस मिलर्स ने खत्म की हड़ताल, मिलिंग शुल्क नहीं बढ़ा तो खुद बोनस दे सकती है राज्य सरकार

दूसरी तरफ हरियाणा से भी ऐसी खबरें हैं कि वहां किसान इसलिए नाराज हैं क्योंकि धान की खरीद और उसका उठाव बहुत धीमी गति से हो रहा है. पंजाब और हरियाणा के किसानों को मंडियों में धान की उठान की धीमी गति के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि दोनों सरकारों के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है.

हरियाणा में, किसान शिकायत कर रहे हैं कि खरीद प्रक्रिया बहुत धीमी है. यहां तक ​​कि खरीदा गया धान भी मंडियों में ढेर लगा रहता है, जिससे किसानों को इसे सड़कों पर उतारना पड़ता है. इससे किसानों में भारी निराशा पैदा हो गई है, जो मंडियों की मौजूदा स्थिति से नाराज हैं.

ये भी पढ़ें: ओडिशा में किसानों को मिलेगी 'कटनी-छंटनी' से मुक्ति, AI से होगी धान की क्वालिटी की जांच

ऐसी ही नाराजगी पंजाब में भी देखी जा रही है. नवांशहर और जालंधर की अनाज मंडियों में धान की लिफ्टिंग नहीं हो रही है. नवांशहर जिले में 30 गांव और जालंधर में 79 गांव हैं. हालांकि, मंडियों में लाई गई किसानों की उपज की खरीद की जा रही है. जालंधर में गुरुवार को 4,888 मीट्रिक टन धान की आवक हुई. कुल मिलाकर 18,820 मीट्रिक टन धान मंडियों में आ चुका है और 12,178 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. खरीद के बाद उपज मंडियों में ही पड़ी हुई है.