
Sugar free Mango: आज के समय में अधिकतर बीमारियों की वजह बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल है. खराब खानपान और जीवनशैली के कारण लोग सबसे ज्यादा डायबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं. देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में डायबिटीज होने की वजह से अक्सर मरीज मीठा खाना पूरी तरह से छोड़ देते हैं. गर्मियों में आम के सीजन में भी वो आम का स्वाद नहीं ले पाते हैं. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के युवा किसान अफताब ने शुगर फ्री अंबिका और अरूणिका आम (Ambika and Arunika mango) की खेती करके मरीजों को बड़ी राहत देने की कोशिश की है.
लखनऊ के मलिहाबाद में आम की बागवानी करने वाले अफताब ने किसान तक से बातचीत में बताया कि अंबिका आम खाने में बिल्कुल कम मीठा होता हैं. इस आम की खासियत यह है कि इसे आप एक दिन में चाहे जितना खा लें आपका शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा. यह एक रंगीन आम है. बाजार में भी यह आम शुगर फ्री नाम से ही काफी मशहूर है. लोग इसे शुगर फ्री आम के नाम से ही बेचते हैं और खरीदते हैं. उन्होंने बताया कि 2 बीघे में अंबिका आम को लगाया है. उनके पास इस बार अंबिका आम की मांग भी देश के साथ ही विदेशों तक से आ रही है.
अफताब बताते हैं कि खाने में यह आम जितना स्वादिष्ट है उतना ही पौष्टिकता से भरपूर भी है. अरूणिका आम काफी मीठा है. वहीं इस आम में कैंसर रोधी तत्व मंगीफेरिं पाया जाता है. यह फल काफी टिकाऊ है. यह दोनों किस्म की देश-विदेश में मांग ज्यादा होती है. एक सीजन में 2 से 3 लाख का आम हम बेच लेते है. अरूणिका आम की किस्म की खेती करने वाले लखनऊ के किसान अफताब ने बताया कि यह किस्म स्वाद काफी मीठी होती है. वहीं यह आम दूसरे आमों के मुकाबले काफी महंगा बिकता है.
यह आम किलो में नहीं बल्कि प्रति पीस के भाव में बिकता है. बाजार में इन दिनों अरूणिका आम 70 से ₹80 प्रति पीस के भाव में बिक रहा है. दशहरी से ज्यादा अंबिका आम की मांग है. ऐसे में इसकी कीमत तो 100 से 250 रुपए किलो होती है. इसके अलावा अगर कोई इसका एक पीस लेना चाहता है तो 100 रुपये देने पड़ते हैं. बता दें कि भारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करने वाला देश है. देश के भीतर उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है जहां पर आम की सबसे ज्यादा पैदावार और सबसे ज्यादा किसमें भी मौजूद हैं. गर्मियों के मौसम में पानी वाले फलों की डिमांड बाजार में बढ़ जाती है. लेकिन फलों के राजा आम की एक अलग ही बात है.
ये भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today