तेलंगान राज्य के नलगोंडा इलाके के 40 वर्षीय किसान ने कर्ज के चलते कथित तौर पर अपनी जान ले ली. कर्ज चुकाने को लेकर परेशान किसान ने कीटनाशक पी लिया. हालत बिगड़ने पर घरवाले किसान को अस्पताल ले गए, लेकिन उनकी मौत हो गई. किसान ने 9 एकड़ जमीन पर फसल की सिंचाई के लिए 6 बोरवेल कराए थे, लेकिन पानी नहीं निकल सका. इससे किसान पर कर्ज चढ़ गया था.
नलगोंडा से आई एक दुखद घटना में पेड्डा वीरा मंडल के अंतर्गत चिंतापल्ली पंचायत के चिंतापल्ली थांडा निवासी किसान जटावत कृष्ण (40) ने बढ़ते कर्ज के चलते कथित तौर पर अपनी जान ले ली. किसान ने अपनी 5 एकड़ जमीन पर मीठे नींबू (मौसम्बी) की खेती कर रहे थे. इसके अलावा मिर्च और कपास की खेती के लिए उन्होंने अतिरिक्त 4 एकड़ जमीन लीज पर ली थी.
हाल ही में किसान जटावत कृष्ण ने अपने मीठे नींबू (मौसम्बी) के बाग की सिंचाई के लिए 6 बोरवेल के लिए खुदाई करवाई थी. लेकिन, किसी से भी पानी नहीं मिल सका. इसके चलते सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने पाने पर मौसम्बी का बाग सूख गया. इस सबके लिए किसान के ऊपर लगभग 10 लाख का कर्ज हो गया.
कर्ज कैसे चुकाया जाए इसको लेकर परेशान किसान जटावत कृष्ण ने कीटनाशक खा लिया. हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन रास्ते में ही किसान जटावत कृष्ण की मौत हो गई.
इससे पहले तेलंगाना के खम्मम इलाके के किसान का आग लगाकर सुसाइड करने का वीडियो बीते माह जुलाई के पहले हफ्ते में सामने आया था. मृतक किसान ने कथित तौर पर कुछ ग्रामीणों पर अपनी 3 एकड़ कृषि जमीन को बर्बाद करने का आरोप लगाया था. मृतक किसान की पहचान खम्मम जिले के चिंताकनी मंडल के प्रोद्दुतुर गांव के 46 वर्षीय बोजेडला प्रभाकर के रूप में हुई थी.
कर्नाटक में किसानों की खुदकुशी को लेकर बीते माह जुलाई में आई रिपोर्ट के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है. कर्नाटक में पिछले 15 महीनों के दौरान अलग-अलग जिलों में 1,182 किसानों ने आत्महत्या की है. आत्महत्या की वजह सूखा, फसल नुकसान और भारी कर्ज बताया गया है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद देश में अन्नदाता आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. यही वजह है कि आत्महत्या के मामले देखे जा रहे हैं. (इनपुट- अब्दुल बशीर)
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