मिर्च के उत्पादन में देश में सबसे अव्वल आंध्र प्रदेश है. यहां की मिर्च देश-विदेश में बेहद ही लोकप्रिय है, लेकिन अब देश के नक्शे में मिर्च की खेती के नए हब के तौर पर पंजाब का फिरोजपुर भी उभर रहा है. फिरोजपुर के किसानों ने गेहूं और धान की पांरपरिक फसलों की खेती के बजाय मिर्च की खेती शुरू की है. इससे उन्हें गेहूं और धान की खेती में होने वाले मुनाफे की तुलना में अधिक लाभ भी मिल रहा है. कुल मिलाकर मिर्च की खेती शुरू कर पंजाब के फिरोजपुर के किसानों ने राज्य के अन्य किसानों को भी राह दिखाई है.
मालूम हो कि पंजाब में लगभग 10,000 हेक्टेयर रकबे में मिर्च की खेती होती है. जिसमें सबसे अधिक जमीन पर फिरोजपुर में मिर्च की खेती हो रही है. आंकड़ों के अनुसार पंजाब में प्रति वर्ष लगभग 20,000 मीट्रिक टन मिर्च का उत्पादन होता है.
देश और पंजाब के कृषि नक्शे में बेशक मिर्च की खेती वाले क्षेत्र के तौर पर पंजाब के फिरोजपुर की पहचान नई है. मसलन, कई लोगों को इसकी जानकारी अभी तक नहीं होगी, लेकिन फिरोजपुर में मिर्च की खेती का रकबा तेजी से बढ़ रहा है. इसी कड़ी में पंजाब सरकार ने हाल ही में फसल विविधीकरण कार्यक्रम को बढ़ावा देने संबंधी अपने अभियान के तहत फिरोजपुर में एक मिर्च क्लस्टर स्थापित करने की घोषणा भी की है.
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अंग्रेजी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में पंजाब सरकार के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि मिर्च क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत कई विषयों पर काम किया जाना है. जिसके तहत मिर्च उत्पादकों की इनपुट लागत का कम करना, इसके एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के साथ ही मिर्च के घरेलू बाजारों की पहचान करने के साथ ही फसल की गुणवत्ता में सुधार के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना है.
पंजाब की बागवानी निदेशक शालिंदर कौर ने कहा कि आय बढ़ाने और किसानों की लागत कम करने के लिए क्लस्टर विकास का तरीका अपनाया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग मिर्च उत्पादकों की मदद करेगा और निर्यात क्षमता का दोहन करने के लिए फसल की गुणवत्ता में और सुधार करने में उनकी मदद करेगा.
अंग्रेजी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में मिर्च की खेती से हो रही कमाई पर भी चर्चा की है. जिसमें किसानों के हवाले से कहा गया है वे गेहूं और धान की खेती की तुलना में मिर्च की खेती से प्रति एकड़ डेढ़ से दो गुना तक अधिक कमाई कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि खेती समेत अन्य खर्चों का घटाकर मिर्च की फसल से प्रति एकड़ लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये की आय होती है, जबकि गेहूं और धान से प्रति एकड़ औसतन 90,000 रुपये से अधिक की आय होती है.
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मिर्च की खेती रबी सीजन में की जाती है, लेकिन फिरोजपुर के किसान खरीफ सीजन में भी मिर्च से मुनाफा कमा रहे हैं. असल में मिर्च की फसल अक्टूबर-नंवबर में लगाई जाती है. तो वहीं इसकी कटाई मार्च और अप्रैल में होती है, लेकिन, फिरोजपुर के कुछ किसान अगस्त तक भी मिर्च की खेती जारी रखते हैं और फसल से मिर्च की तुड़ाई करते हैं. ऐसे में खरीफ सीजन में किसानों को धान की बुवाई के लिए पानी जैसी जरूरतों के लिए चिंतित नहीं रहना होता है.
अंग्रेजी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में मिर्च की खेती कर रहे मनप्रीत सिंह के हवाले से लिखा है कि वह जून तक मिर्च उगाते थे, लेकिन पिछले साल उन्होंने इसे अगस्त तक ले लिया. इसलिए, धान की बुवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि मिर्च से अधिक लाभ मिलता है. मनप्रीत सिंह ने कहा कि फिरोजपुर की मिर्च अब पहचानी जाने लगी है और राजस्थान के गंगानगर और यहां तक कि आंध्र प्रदेश जैसे अन्य स्थानों के व्यापारी भी यहां से फसल खरीदने के लिए आने लगे हैं.
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