केंद्र सरकार द्वारा चावल के खुदरा व्यापारियों, होलसेलर्स और मिलर्स को स्टॉक की जानकारी देने का आदेश जारी करने पर कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. कैट में महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्करने कहा कि इस तरह के आदेश सिर्फ बड़ी भंडारण क्षमता के लिए जारी करना चाहिए. जिनमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों, मिलरों एवं बड़े स्टॉकिस्टों को शामिल किया जाना चाहिए. छोटे एवं मझोले व्यापारियों के पास कम मात्रा में पूंजी होने एवं भंडारण की क्षमता भी कम होने से स्टॉक ज्यादा नहीं होता है. छोटे व्यापारियों के कम पढ़े-लिखे होने और मुनीम का खर्च उठाने की क्षमता नहीं होने की वजह से हर बार स्टॉक का खुलासा करना मुश्किल हो जाता है.
ठक्कर ने कहा कि समय पर स्टॉक का खुलासा न करने पर दंडित होने की संभावनाएं बनती हैं. जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता है इसलिए सरकार को छोटे और मझोले व्यापारियों को इससे बाहर रखना चाहिए. बता दें कि केंद्रीय खाद्य विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि बासमती, गैर बासमती, उबले और टुकड़े चावल के स्टॉक की जानकारी देनी होगी. महंगाई को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है. शुक्रवार से खुदरा व्यापारी, होलसेलर्स और मिलर्स को सरकार के पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी देनी होगी.
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ठक्कर ने बताया इस वर्ष वैश्विक स्तर पर खाद्य जिंसों में उत्पादन में कमी और काला सागर में मची उथल-पुथल के चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में दाम काफी बढ़े हुए हैं. स्थानीय स्तर पर भी इस वर्ष मौसम प्रतिकूल होने की वजह से कमजोर बारिश और कहीं पर शुष्क मौसम से उत्पादन में कमी आई है. जिसके चलते सरकार चिंतित है. यह वर्ष चुनावी वर्ष होने के नाते सरकार हर संभव दामों को नियंत्रण में रखने की कोशिश में है इसलिए सरकार ने पहले से ही कई वस्तुओं के निर्यात पर बंदी लगा दी है. लेकिन छोटे व्यापारियों पर स्टॉक लिमिट की हमेशा जानकारी देने का आदेश देना सही नहीं है.
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, उपभोक्ता मामले मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी रिटेल चेन के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर, मिलर्स को चावल की अपनी स्टॉक स्थिति घोषित करने का निर्देश दिए गए हैं. इन चावल की श्रेणियों में टूटा हुआ चावल, गैर-बासमती सफेद चावल, उबले हुए चावल, बासमती चावल और धान को शामिल किया गया है. कहा गया है कि व्यापारी पोर्टल (https://evegoils.nic.in/rice/login.html) पर आदेश जारी होने के 7 दिनों के भीतर और फिर हर शुक्रवार को स्टॉक का नियमित और सही ढंग से खुलासा करें. सरकार को लगता है कि कुछ लोगों ने चावल स्टॉक किया हुआ है.
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