MEP हटाते ही बासमती की बढ़ी मांग! अमेरिका-यूरोप से सबसे ज्याद ऑर्डर आने की है उम्मीद

MEP हटाते ही बासमती की बढ़ी मांग! अमेरिका-यूरोप से सबसे ज्याद ऑर्डर आने की है उम्मीद

निर्यातक वीएक्सपोर्ट के निदेशक देव गर्ग ने कहा कि हालांकि, एमईपी को हटाने के साथ भारत ने विश्व चावल मार्केट में अपनी जगह फिर से मजूबत कर ली है. अब हमारी चावल की मांग फिर से पूरे विश्व में होगी. उन्होंने कहा कि इस फाइनेंशियल ईयर के पहले चार महीनों में अप्रैल से जुलाई के दौरान भारत का बासमती चावल निर्यात एमईपी के बावजूद एक साल पहले की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़कर 19 लाख टन हो गया है.

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MEP हटाते ही बासमती की बढ़ी मांग! अमेरिका-यूरोप से सबसे ज्याद ऑर्डर आने की है उम्मीदबासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी (Photo-Kisan Tak)

केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (एमईपी) सीमा हटाने के बाद इसके निर्यात में बढ़ोतरी की उम्मीद बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि एमईपी हटाने से खास कर यूरोप और अमेरिका में भारतीय बासमती की डिमांड बढ़ जाएगी. इससे भारतीय कारोबारियों को काफी मुनाफा होगा. साथ ही भारतीय बासमती चावल की हिस्सेदारी भी ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगी. वहीं, इस खबर से चावल निर्यातक भी काफी खुश हैं. 

दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले साल बासमती चावल पर 950 डॉलर प्रति टन का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस तय किया गया था. यानी इससे कम रेट पर विदेशों में बासमती चावल का निर्यात नहीं किया जा सकता. ऐसे में कीमत ज्यादा होने के चलते भारतीय बासमती चावल की विदेशों में मांग कम हो गई. इससे बासमती किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा था. लेकिन निर्यातकों की मांग पर बीते 13 सितंबर को केंद्र सरकार ने बासमती से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस की सीमा हटा दी.

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ग्लोबल मार्केट में बासमती की हिस्सेदारी बढ़ जाएगी  

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, केआरबीएल लिमिटेड में थोक निर्यात के प्रमुख अक्षय गुप्ता ने कहा है कि बासमती से एमईपी हटाने से ग्लोबल मार्केट में इस सुगंधित चावल के बीच कॉम्पिटिशन बढ़ेगा. इससे कीमतों में बढ़ोतरी होगी. साथ ही इसके निर्यात में बढ़ोतरी होगी. ऐसे भी विश्व में भारत और पाकिस्तान ही ऐसे देश हैं, जो प्रीमियम ग्रेड बासमती चावल का उत्पादन करते हैं. लेकिन भारत सरकार द्वारा बासमती पर एमईपी लगाने से पाकिस्तान की ग्लोबल मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ गई. 

बासमती का निर्यात बढ़कर  52 लाख टन हुआ

नई दिल्ली स्थित निर्यातक वीएक्सपोर्ट के निदेशक देव गर्ग ने कहा कि हालांकि, एमईपी को हटाने के साथ भारत ने विश्व चावल मार्केट में अपनी जगह फिर से मजूबत कर ली है. अब हमारी चावल की मांग फिर से पूरे विश्व में होगी. उन्होंने कहा कि इस फाइनेंशियल ईयर के पहले चार महीनों में अप्रैल से जुलाई के दौरान भारत का बासमती चावल निर्यात एमईपी के बावजूद एक साल पहले की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़कर 19 लाख टन हो गया है. देश ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में रिकॉर्ड 52 लाख टन चावल का निर्यात किया, क्योंकि कनाडा, इराक, ओमान, सऊदी अरब और यूनाइटेड किंगडम में इसकी मांग बढ़ गई. इससे ईरान में कम खरीद के प्रभाव की भरपाई हो गई.

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देश में 12 फीसदी बढ़ेगा बासमती का उत्पादन

भारत विश्व का सबसे बड़ा बासमती चावल का उत्पादक है, लेकिन देश में इसकी खपत बहुत कम है. ऐसे में सरकार सामान्य ग्रेड के चावल की तरह इसका भंडारण नहीं करती है. साथ ही वह इस किस्म को खरीदती भी नहीं है. केआरबीएल के गुप्ता ने कहा कि अनुकूल मॉनसून के कारण इस साल देश में बासमती चावल उत्पादन 10-12 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जिससे निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

 

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