हिमाचल से आवक बढ़ी तो सेब के दाम में 50 फीसदी तक की गिरावट, मौसम ने किसानों की बढ़ा रखी है परेशानी 

हिमाचल से आवक बढ़ी तो सेब के दाम में 50 फीसदी तक की गिरावट, मौसम ने किसानों की बढ़ा रखी है परेशानी 

दिल्ली के बाजारों में बीते करीब 1 महीने से सेब का दाम 160-190 रुपये प्रति किलो चल रहा था, जो अब हिमाचल से सेब की आवक बढने के बाद 50 फीसदी लुढ़क गया है. दिल्ली के आजादपुर थोक बाजार में अच्छी क्वालिटी वाले सेब की कीमतें लगभग आधी घटकर 80-90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं.

Advertisement
हिमाचल से आवक बढ़ी तो सेब के दाम में 50 फीसदी तक की गिरावट, मौसम ने किसानों की बढ़ा रखी है परेशानी सेब की आवक में इजाफा होने से 15 दिनों में दरों में कमी आई है.

बीते कई सप्ताह से सेब की कीमतें आसमान छू रही थीं, लेकिन हिमाचल के सेब की आवक शुरू होने के साथ ही दिल्ली के बाजारों में सेब का दाम 50 फीसदी तक घटकर 80-90 रुपये प्रति किलो पर आ गया है. एक्सपर्ट का कहना है कि अभी कश्मीरी सेब की आवक भी बढ़ने जा रही है और अफगानिस्तान से सेब का आयात भी बढ़ेगा. ऐसे में सेब के दाम में अगले कुछ सप्ताह और तेज गिरावट देखने को मिलेगी. हालांकि, भारतीय सेब उत्पादकों को कीमतों में गिरावट का ज्यादा नुकसान नहीं झेलना होगा. दूसरी ओर उपभोक्ताओं को जरूर कीमतें नीचे जाने का फायदा मिलेगा.

दिल्ली के बाजारों में बीते करीब 1 महीने से सेब का दाम 160-190 रुपये प्रति किलो चल रहा था, जो अब हिमाचल से सेब की आवक बढने के बाद 50 फीसदी लुढ़क गया है. दिल्ली के आजादपुर थोक बाजार में अच्छी क्वालिटी वाले सेब की कीमतें लगभग आधी घटकर 80-90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं. सेब की कीमतों में एक महीने में 50 फीसदी तक की गिरावट की वजह आवक का बढ़ना बताया गया है. हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों से सेब की आवक बढ़ गई है. जबकि, कश्मीरी सेब की कटाई शुरू होने वाली है. विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान से सेब का शुल्क मुक्त आयात कुछ हफ्तों में बढ़ेगा और आने वाले हफ्तों में कीमतों के रुझान को भी प्रभावित करेगा.

मौसम सेब उपज और क्वालिटी को प्रभावित कर रहा 

आवक में इजाफा होने से 15 दिनों में दरों में कमी आई है. दिल्ली में आजादपुर मंडी में सेब के थोक विक्रेताओं ने कहा कि कश्मीर के शोपियां में भारी बारिश के कारण सेब की आवक प्रभावित हो सकती है. गर्मी के मौसम में ज्यादा तापमान और सूखे जैसी स्थिति के बाद भारी बारिश ने इस साल हिमाचल के सेब की क्वालिटी को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है. शिमला मंडी के आर्टिया एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि जुलाई में सेब के उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका के चलते कीमतें बढ़ गई थीं. हालांकि, मध्य क्षेत्रों से सेब की कटाई होने से आवक बढ़ गई है. 

क्वालिटी के लिए कंपनियों ने खरीद में 20 दिन देरी की 

क्वालिटी में गिरावट की चिंताओं के चलते बड़ी कंपनियों ने इस साल सेब खरीद में 15-20 दिनों की देरी की है. हिमाचल प्रदेश के व्यापारियों ने बताया कि पिछले कुछ सीजन से कई कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा था क्योंकि कोल्ड स्टोरेज में सेब बड़े पैमाने पर सड़ गए थे. इसलिए कंपनियां सावधानी बरत रही हैं. इसकी वजह से सेब खरीदने में देरी हो रही है. स्थानीय उत्पादन के अलावा सेब का बढ़ता आयात पिछले साल से घरेलू सेब की कीमतों को प्रभावित करने वाला एक बड़ा फैक्टर रहा है. 

घरेलू किसानों के फायदे के लिए बढ़ाना होगा आयात शुल्क 

दिल्ली के सेब व्यापारियों ने कहा कि आने वाले हफ्तों में अफगानिस्तान से सेब की आवक बढ़ने की उम्मीद है, जो आने वाले महीनों में सेब की कीमतों को प्रभावित करेगी. भारत वाघा सीमा के जरिए अफगानिस्तान से शुल्क मुक्त सेब आयात करता है. पिछले साल अफगान सेब की कीमतें घरेलू सेब की तुलना में लगभग 40 फीसदी सस्ती थीं. कहा गया कि घरेलू स्तर पर खराब मौसम से नुकसान और ईरान और अफगानिस्तान से सेब के सस्ते आयात के चलते कीमतों में गिरावट ने घरेलू किसानों की कमाई को प्रभावित किया है. व्यापारियों ने कहा कि भारत को अपने किसानों की सुरक्षा के लिए सेब पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिए.

ये भी पढ़ें - 

POST A COMMENT