महाराष्ट्र के अमरावती जिले में कल हुई तूफानी हवाओं और तेज बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. धामनगांव रेलवे तहसील के ऊसल गव्हाण गांव में एक निजी मोबाइल कंपनी का टावर तेज हवा में खेत में गिर गया, वहीं कृषि उपज मंडी समिति की लापरवाही के चलते मंडी में रखे अनाज भीग गए. दरअसल, कृषि उपज मंडी की नए शेड में रखी किसानों की अरहर, सोयाबीन और चने की फसलें भीग गईं, जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.
हिंगणगांव कासारखेड गांव के सरपंच दुर्गाबक्ष ठाकुर ने मंडी समिति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 15 मई को दोपहर 3 बजे के आसपास आई बारिश के दौरान मंडी के नए शेड में रखी फसलें भीग गई, उन्होंने कहा कि जहां किसानों ने बेचने के लिए अपनी अरहर, सोयाबीन और चना रखा था, वहां पानी निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं थी. शेड की छत पर से बहता पानी पाइप से नीचे उतरना चाहिए था, लेकिन ठेकेदार ने अब तक पाइप ही नहीं लगाया. इससे पानी शेड की छत पर बने छेदो से सीधे नीचे गिरा और अनाज भीग गया. सरपंच ने मंडी प्रशासन पर ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया.
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सरपंच दुर्गाबक्ष ठाकुर ने कहा कि बाजार समिति किसानों की व्यवस्था करने के बजाय ठेकेदारों से सांठगांठ कर खुद का लाभ देख रही है. पदाधिकारी खुद मोनोपॉली चलाकर भ्रष्टाचार से जेब भरने में लगे हैं. इस लापरवाही की वजह से किसानों का अनाज बर्बाद हो गया है. इसके साथ ही क्षेत्र में कई किसानों की मूंगफली की फसल भी तेज बारिश और हवाओं की वजह से खराब हो गई है.
किसानों और जनप्रतिनिधियों ने मंडी प्रशासन की निष्क्रियता और लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है. इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सिस्टम की चूक का सबसे बड़ा खामियाजा हमेशा किसानों को ही भुगतना पड़ता है.
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