बीकानेर क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर में रीलाइनिंग के लिए प्रस्तावित नहरबंदी का आधिकारिक शेड्यूल जारी हो गया है. पंजाब सरकार ने 65 दिन की नहरबंदी का निर्णय लिया है. पहले पंजाब ने 70 दिन तक नहर बंदी के लिए कहा था. हालांकि राजस्थान सरकार चाहती है कि नहरबंदी 60 दिन की ही हो. इसके लिए आईजीएनपी प्रशासन ने पंजाब को पत्र लिखा है. पहले नहरबंदी 29 मार्च से प्रस्तावित थी, लेकिन पंजाब के नहरी प्रशासन की ओर से जारी हुए नोटिफिकेशन के बाद यह 26 मार्च से होगी. इसके लिए 21 मार्च को सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी.
21 से अगले छह दिन यानी 26 मार्च तक पीने के लिए पानी को स्टोर किया जाएगा. सबसे राहत की बात यह है कि इस साल पानी की कमी नहीं होगी. पौंग डेम में फिलहाल 1338 फीट तक पानी उपलब्ध है.
65 दिन की नहर बंदी के कारण 26 मार्च से अगले एक महीने यानी 28 अप्रैल तक पीने के लिए पानी की सप्लाई की जाएगी. इसके बाद 29 मई तक नहर पूरी तरह बंद रहेगी. पीने के लिए पानी पौंग डेम से लिया जाएगा. हालांकि राजस्थान अपने हिस्से का लगभग पूरा पानी उपयोग कर चुका है. इसके बाद भी डैम में पानी की उपलब्धता है. इसीलिए राजस्थान पंजाब से पीने के लिए पानी लाएगा. बता दें कि पौंग डैम से करीब 1290 फीट तक पानी लिया जा सकता है. इसीलिए आने वाले गर्मी के सीजन में पीने के पानी की समस्या नहीं होगी.
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इंदिरा गांधी नहर में 28 अप्रैल से करीब 29 मई तक पूरी तरह नहरबंदी होगी. क्योंकि इस दौरान नहर में रीलाइनिंग का काम होना है. यह पंजाब में 34 किलोमीटर और राजस्थान आरडी 243 से 415 के बीच होगी. रीलाइनिंग के कारण नहर में पानी जमा नहीं किया जा सकता.
बीकानेर में जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर ने मीडिया को बताया कि आरडी 243 से 415 तक रीलाइनिंग का काम होगा. इसीलिए वहां पानी जमा नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद हम पानी कहीं और स्टोर करेंगे. पंजाब ने नहर बंदी का शेड्यूल 70 से 65 दिन किया है, लेकिन हमारी कोशिश है कि ये 60 दिन किया जाए. इससे पीने के पानी के संकट से बचा जा सके.
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पहले नहर से सिंचाई का पानी 20 मार्च तक ही मिलना था, लेकिन किसानों ने गेहूं की सिंचाई के लिए पानी देने की मांग की. चूंकि इस बार नहर में पानी उपलब्ध है. इसीलिए प्रशासन ने एक दिन बढ़ाकर 21 मार्च तक सिंचाई का पानी देने का निर्णय लिया है. हालांकि, नहर में सात मार्च को ही पानी की सप्लाई बंद कर दी. इसके बाद किसानों ने प्रशासन से पानी छोड़ने की मांग की है.
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