
आखिर सरकार ने किसानों की सुध ले ही ली. इसी महीने असमान्य बारिश और गुलाबी सुंडी के प्रकोप से लाखों किसानों की फसलें खराब हो गईं. कई जगहों पर किसान मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि अगले 10 दिन में फसल खराबे की गिरदावरी करा कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाए ताकि किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो सके. सरकार गुलाबी सुंडी से प्रभावित किसानों को भी राहत देगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश देते हुए कहा है कि सरकार खराबे से प्रभावित किसानों के प्रति संवेदनशील है. इसीलिए अगले 10 दिन में फसल खराबे का आकलन करा कर किसानों को मुआवजा भेजना शुरू किया जाएगा. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि मुआवजे के लिए गिरदावरी रिपोर्ट जल्द से जल्द मुख्यालय भेजी जाएं ताकि किसानों को राहत जल्दी सुनिश्चित हो सके.
गहलोत ने फसल नुकसान, इनपुट सब्सिडी, फसल बीमा और गिरदावरी समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए हैं.
इस साल कपास में गुलाबी सुंडी का असर काफी देखने को मिला है. अकेले हनुमानगढ़ और गंगानगर में गुलाबी सुंडी से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है. मिले आंकड़ों के अनुसार दोनों जिलों में 2.56 हजार हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. वहीं 73 हजार काश्तकारों की फसल खराब हुई है.
फसल में पांच से 45 फीसदी तक नुकसान हुआ है. पीएम फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कीट रोग के प्रकोप के कारण कपास फसल का उत्पादन प्रभावित होने पर बीमित किसानों को नुकसान का क्लेम दिया जाता है. वर्तमान में खराबे के आकलन के लिए खरीफ 2023 के कपास की फसल कटाई प्रयोग किया जाता है. इन प्रयोगों से मिले औसत उपज आंकड़ों के आधार पर नियमानुसार क्लेम दिया जाएगा.
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राजस्थान में अगले दो महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. फसलों में हुए नुकसान पर मुआवजे की मांग बीते 20 दिन से अलग-अलग जिलों में किसान कर रहे हैं. हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में तो किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने मुआवजा नहीं तो वोट नहीं का नारा दे दिया.
इसीलिए राज्य सरकार ने चुनावों में वोट खिसकने के डर से मुआवजा जल्द देने के निर्देश दिए हैं. क्योंकि फसल खराब हुए 10-15 दिन हो चुके हैं. कई जिलों में अब तक गिरदावरी भी नहीं की गई है. किसान कौम इससे काफी नाराज थी. इसीलिए गहलोत ने 10 दिन में गिरदावरी करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
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समीक्षा बैठक में बताया गया कि साल 2022-23 और 2023-24 में राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, पाला एवं शीतलहर से प्रभावित 10.61 लाख पात्र काश्तकारों को कृषि आदान अनुदान दिया गया है. एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार 968.48 करोड़ रूपए का कृषि आदान अनुदान इन किसानों को दिया गया है.
साथ ही, साल 2022-23 रबी के 1895 करोड़ के बीमा क्लेम किसानों को वितरित किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि 2022-23 रबी के पेंडिंग बीमा क्लेम किसानों को जल्दी दिए जाएं.
सीएम गहलोत से सामने पेश किए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बाढ़ में 7.72 लाख किसानों को 563.03 करोड़ रूपये दिए गए हैं. वहीं, पाला/शीतलहर में 2.65 लाख किसानों को 375.72 करोड़ रूपये, ओलावृष्टि में 6762 किसानों को 13.13 करोड़ रूपये एवं सूखा में 17089 किसानों को 16.60 करोड़ रूपए की सहायता दी गई है. वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के पात्र किसानों को डीएमआईएस पोर्टल के माध्यम से सहायता दी जा चुकी है.
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