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Rajasthan: अंधड़ से आम-खजूर में हुआ नुकसान, किसान परेशान

Rajasthan: अंधड़ से आम-खजूर में हुआ नुकसान, किसान परेशान

लगातार अंधड़ से आम और खजूर की फसल को नुकसान हुआ है. तेज आंधी से कई गांवों में पॉली हाउस, शेडनेट उड़ गए जिससे उनमें लगी फसल का खराबा हो गया. खजूर में 20 प्रतिशत और आम में 15-20 प्रतिशत तक के नुकसान की संभावना जताई जा रही है.

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पिछले दिनों आई आंधी और बरसात से राजस्थान में आम और खजूर की खेती में नुकसान हुआ है. फोटो- Kisan Tak पिछले दिनों आई आंधी और बरसात से राजस्थान में आम और खजूर की खेती में नुकसान हुआ है. फोटो- Kisan Tak

मई का पहला सप्ताह मौसम के लिहाज से काफी नाजुक रहा. हालांकि दूसरे हफ्ते में भी मौसम में कोई खास सुधार नहीं हुआ. राजस्थान में आए लगातार अंधड़ से आम और खजूर की फसल को नुकसान हुआ है. तेज आंधी से कई गांवों में पॉली हाउस, शेडनेट उड़ गए जिससे उनमें लगी फसल का खराबा हो गया. जैसलमेर जिले के सांवता क्षेत्र में बिजली गिरने से कुछ मवेशी घायल भी हो गए.

आंधी से फसल खराब होने से किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ है.

खजूर में 20 प्रतिशत नुकसान की संभावना

पश्चिमी राजस्थान में जैसलमेर, बाड़मेर के कई इलाकों में इन दिनों खजूर की खेती की जा रही है. बीते तीन दिन में आई आंधी-बारिश से खजूर में नुकसान हुआ है. किसानों और विशेषज्ञों के अनुसार खजूर में करीब 20 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. हालांकि बारिश से खजूर को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अंधड़ से कच्चे फल जमीन पर गिरकर खराब हो गए हैं.

वहीं, दूसरी ओर बीकानेर स्थित स्वामी केशवानंद राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के खजूर परियोजना प्रभारी डॉ. राजेन्द्र राठौड़ के अनुसार इस साल खजूर में डोका बनने में 15 से 20 दिन की देरी हो सकती है. वे कहते हैं कि अगर मौसम ठीक रहता तो जून तक खजूर में डोका आ जाता, लेकिन अब यह 15 जुलाई के आसपास इस अवस्था में पहुंचेगा. बता दें कि राजस्थान में खजूर पिंड की स्थिति तक नहीं पहुंचता है. इसीलिए इसे डोका बनने की अवस्था में ही तोड़कर संरक्षित करना पड़ता है. 

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आम में भी हुआ नुकसान

राजस्थान में आदिवासी क्षेत्र यानी बांसवाड़ा, डूंगरपुर क्षेत्र में आम के कई हजार बाग है. बीते दिनों में आई आंधी-बारिश से आम की फसल में भी काफी नुकसान देखने को मिला है. चूंकि आम में अब फूल से फल बनने की प्रक्रिया चल रही है. इसीलिए नुकसान ज्यादा है.

अनुमान के मुताबिक आम में 20-25 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. इसके अलावा आम के पकने  का समय भी अब 15-20 दिन बढ़ गया है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस साल किसान जितनी पैदावार की उम्मीद लगा रहे थे. मौसम की वजह से यह उम्मीद टूटती नजर आ रही है. 

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अकेले बांसवाड़ा में 2500 से ज्यादा आम के बगीचे

राजस्थान के दक्षिणी जिलों में से एक बांसवाड़ा में आम के 2500 से अधिक बगीचे हैं. इससे करीब 3,115  हैक्टेयर में आम की फसल किसान लेते हैं. हर साल करीब 39 हजार मीट्रिक टन आम की पैदावार अकेले बांसवाड़ा से होती है. ऐसे में बीते चार दिनों की आंधी और बारिश से यहां के आम किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ा है. 
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