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‘जीव रो बैरी’ नहीं हाेगा जीरा! क‍िसानों को 40 हजार क्विंटल तक मिल सकता है भाव

‘जीव रो बैरी’ नहीं हाेगा जीरा! क‍िसानों को 40 हजार क्विंटल तक मिल सकता है भाव

राजस्थानी में एक लोकगीत काफी प्रसिद्ध है, जिसमें महिला किसान अपने पति से खेत में जीरा नहीं बोने की बात कह रही है. बोल हैं, ‘मत बाओ म्हापा परण्या जीरो ओ....ओ जीरो जीव रो बैरी रे... मत बाओ म्हारा परण्या जीरो.’ 

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इस साल मिलेगा जीरे का अच्छा भाव. फोटो- भुवनेश राव इस साल मिलेगा जीरे का अच्छा भाव. फोटो- भुवनेश राव

राजस्थानी में एक लोकगीत काफी प्रसिद्ध है, जिसमें महिला किसान अपने पति से खेत में जीरा नहीं बोने की बात कह रही है. बोल हैं, ‘मत बाओ म्हापा परण्या जीरो ओ....ओ जीरो जीव रो बैरी रे... मत बाओ म्हारा परण्या जीरो.’ ह‍िंदी में इसके भावार्थ है क‍ि महिला किसान अपने पति से कह रही है कि जीरा मत बो. ये जीरा मेरे जी (दिल) का बैरी यानी दुश्मन है. यह गीत राजस्थान के नागौर, जोधपुर, बाड़मेर जिलों में काफी किसान खेती के वक्त आज भी गाते हैं. हालांकि भले ही इस गीत में महिला जीरे को जी का बैरी बता रही है, लेकिन हकीकत में इस साल शायद ही ऐसा होगा. क्योंकि जीरे का भाव मंडियों में काफी अच्छा जा रहा है. जीरा किसान इस बढ़े हुए भाव से काफी खुश भी हैं.

हालांकि बाजार में अगले महीने से जीरा ज्यादा मात्रा में मंडियों में आना शुरू होगा, लेकिन कुछ-कुछ जगह जीरे की आवक शुरू हो गई है.

40 हजार प्रति क्विंटल तक जा सकता है जीरे का भाव

बीते दिनों जोधपुर जिले की मंडोर मंडी में जीरे की बिकवाली 41 हजार रुपये से शुरू हुई. इसीलिए किसानों को उम्मीद है कि इस साल जीरे का भाव 40-41 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचेगा. बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी पंचायत समिति के रामजी का गोल गांव के किसान भुवनेश ने 15 बीघा में जीरा बोया है. 

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वे कहते हैं क‍ि मंडियों में फिलहाल नए जीरे की आवक नहीं हो रही है, पुराने जीरे का भाव अभी 2800-3000 रुपये प्रति क्विंटल तक है. जैसे-जैसे बाजार में नया जीरा आएगा, भाव भी चढ़ता जाएगा.

जीरे को गर्मी से नुकसान, उत्पादन कम होगा इसीलिए भाव चढ़ेगा

बाड़मेर में भारतीय किसान संघ के जोधपुर संभाग के प्रभारी प्रहलाद सियोल से किसान तक ने बात की. वे बताते हैं क‍ि पिछले साल के जीरे के भाव अभी 300 रुपये प्रति किलो तक हैं. जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में यह भाव 350 रुपये किलो तक का है. ऐसे में नई फसल की आमद पर भाव बढ़ेगा ही.”
सियोल जोड़ते हैं कि इस सीजन में जीरे में नुकसान भी हुआ है. क्योंकि फरवरी के आखिरी दो हफ्तों में अचानक गर्मी काफी तेज हुई है. इससे जीरे में काफी नुकसान हुआ है. उत्पादन में कमी से जीरे की मांग के अनुसार सप्लाई में कमी आएगी. इससे भी जीरे के भाव पर असर होगा.

6.53 लाख हेक्टेयर में हुई जोधपुर संभाग में जीरे की बुवाई

बागवानी विभाग की ओर से मिले आंकड़ों के अनुसार जोधपुर संभाग के बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, जालौर, नागौर और सिरोही जिलों में इस साल 6.53 लाख हेक्टेयर में जीरे की बुवाई की गई है. इसमें सबसे ज्यादा बाड़मेर में (2.80 लाख हेक्टेयर), जोधपुर में 1.65 लाख हेक्टेयर, जैसलमेर 55 हजार हेक्टेयर, जालौर 85 हजार हेक्टेयर, नागौर 48 हजार हेक्टेयर और सिरोही में 20 हजार हेक्टेयर में जीरे की बुवाई की गई है. 

2021 में 11 हजार था, अब जीरा 30 से 35 हजार क्विंटल

जीरे का भाव बीते कुछ सालों में अचानक बढ़ा है. 2021 में जहां भाव सिर्फ 11 हजार रुपये प्रति क्विंटल था. 2022 में यह 25 से 35 हजार रुपये रहा. इस साल यह 40-41 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक जाने की संभावना है.

 
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