हुगली के गौघाट में अवैध रूप से मादक पदार्थ अफीम तैयार करने के लिए पोस्ते की धड़ल्ले से खेती हो रही है. लेकिन प्रशासन इस खबर से बेपरवाह है. हुगली के गौघाट के मंदारान और काठाली इलाकों में कई सौ बीघे जमीन पर पोस्ते की खेती हो रही है.
प्रति बीघा पोस्ते की खेती से लगभग दो से तीन किलोग्राम मादक पदार्थ अफीम तैयार किया जाता है. वर्तमान समय में बाजार में अफीम की कीमत प्रति किलोग्राम 50 हजार रुपये से ज्यादा है. इस अवैध खेती के कारोबार के खिलाफ कई कानून बने हैं, लेकिन लोग उसका पालन नहीं करते.
इस इलाके में कई बार प्रशासन और आबकारी दफ्तर की तरफ से पोस्ते की खेती नहीं करने के लिए प्रचार अभियान चलाए गए हैं. लेकिन पैसे कमाने की लालच में स्थानीय किसान धड़ल्ले से इसकी खेती कर रहे हैं.
कार्यवाही के नाम पर प्रशासन कुछ नहीं कर रहा तभी कई लोग इसकी खेती में लगे हैं. जब मीडियाकर्मी पोस्ते के खेतों में पहुंचते हैं किसान खेत छोड़कर इधर-उधर भाग जाते हैं और इसकी कोई जानकारी भी नहीं देते.
स्थानीय किसान समर खां ने बताया कि इलाके के लोग अपने खाने के लिए पोस्ते की खेती करते हैं. स्थानीय नेताओं की मध्यस्थता से पुलिस प्रशासन ने उन्हें इस साल के लिए फसल को उपयोग में करने की छूट दी है. अगले वर्ष इसकी खेती पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी. किसान पोस्ते से अफीम बनाए जाने की बात को टाल रहे हैं.
गोघाट दो नंबर पंचायत समिति की सभापति अनीमा कटारी ने पहले तो इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की. लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि मामले की जांच करके उनकी तरफ से जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
पोस्ता यानी कि अफीम की खेती देश में प्रतिबंधित है. हालांकि कुछ राज्यों में इसका लाइसेंस दिया जाता है और नारकोटिक्स विभाग की देखरेख में इसकी खेती की जाती है. लेकिन प्रतिबंध के बावजूद कई राज्यों में इसकी खेती की जा रही है. हाल में एक मामला झारखंड से सामने आया था.(रिपोर्ट/भोला नाथ साहा)
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