
जालना जिले के घोटण गांव में एक किसान ने अपनी 25 साल पुरानी मोसंबी की बाग को JCB से नष्ट कर दिया. किसान का दर्द इतना गहरा था कि सालों की मेहनत को एक ही दिन में खत्म करना पड़ा. वजह मोसंबी का बेहद कम बाजारभाव.

पिछले 3–4 सालों से मोसंबी को बाजार में सिर्फ 10–12 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा था. इतनी कम कीमत में लागत तो दूर, स्प्रे, खाद और देखभाल का खर्च भी नहीं निकल रहा था. इसी मजबूरी ने किसान को बड़ा फैसला लेने पर मजबूर कर दिया.

किसान पांडुरंग जगताप ने करीब ढाई एकड़ में मोसंबी के पेड़ लगाए थे, जिन्हें वे 25 साल से संभाल रहे थे. लेकिन आर्थिक संकट इतना बढ़ गया कि पूरी बाग पर JCB चलवानी पड़ी. यह नज़ारा देखकर गाँव वाले भी भावुक हो गए.

कम भाव के साथ-साथ बदलते मौसम की मार भी किसानों पर पड़ी. मोसंबी पेड़ों पर रोग बढ़ गए, फल झड़ने लगे और बाग की देखभाल मुश्किल होती गई. इन सब समस्याओं ने किसान की चिंताएँ और बढ़ा दीं.

जालना जिला पूरे महाराष्ट्र और देश में मोसंबी उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहाँ के किसान बड़ी मात्रा में मोसंबी उगाते हैं. लेकिन लगातार गिरते दाम और बढ़ते खर्चों ने किसानों की आर्थिक स्थिति खराब कर दी है.

किसान पांडुरंग जगताप ने सरकार से आर्थिक मदद और उचित बाजारभाव देने की मांग की है. उनका कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो और भी किसान मजबूरी में अपनी बागें नष्ट करने पर मजबूर हो सकते हैं. (गौरव विजय साली का इनपुट)
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