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किसानों के अरमान पर फिरा पानी, ओले और बारिश ने तहस-नहस कर दी गेहूं-ज्वार की फसल

किसानों के अरमान पर फिरा पानी, ओले और बारिश ने तहस-नहस कर दी गेहूं-ज्वार की फसल

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने प्रभावित किसानों से की मुलाकात. सांसद प्रताप पाटिल चिखलिकर ने सीधे किसानों के बांधों पर जाकर किया दौरा. जिला कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत पंचनामा करने का दिया आदेश.

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फसली नुकसान के बाद अपनी समस्या बताता नांदेड़ का एक किसान फसली नुकसान के बाद अपनी समस्या बताता नांदेड़ का एक किसान

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में ओलावृष्टि से बड़ा नुकसान हुआ है. स्थिति ये हो गई कि बारड स्थित राजमार्ग पुलिस चौकी के सभी टीन शेड उड़ गए. अचानक आई आंधी और ओलावृष्टि से यह पुलिस चौकी पूरी तरह से तबाह हो गई है. इस ओलावृष्टि से यहां तैनात पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. जिले के विभिन्न तहसीलों में बारिश के कारण खेतों में पानी भरने से कई फसलों को नुकसान पहुंचा है. साथ ही ओलावृष्टि से केले के पेड़, तरबूज, गेहूं, ज्वार, चना की फसल को काफी नुकसान हुआ है. शुक्रवार को अशोक चव्हाण, सांसद प्रताप पाटिल चिखलीकर, उद्धव सेना के जिलाध्यक्ष बबन बरसे, जिला अधिकारी अभिजीत राउत ने किसानों के क्षतिग्रस्त खेतों का दौरा किया और जिन किसानों की फसल खराब हुई है, उनकी सहायता के लिए जिला अधिकारी ने पंचनामा बनाने का आदेश दिया.

नांदेड़ जिले में पिछले दो दिनों से तेज आंधी के साथ बेमौसम बारिश हो रही है. इस दौरान शुक्रवार 3.30 बजे के बीच मुदखेड़ अर्धापुर तहसील के पटनूर, मुगट, पढरवाड़ी, बारड इलाके में तेज ओलावृष्टि हुई. इससे कई घरों पर लगे टीन शेड उड़ गए और कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए. कहीं-कहीं बिजली के तार और खंबे टूट गए हैं. जिले के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ ओले गिरे हैं. मौजूदा रबी सीजन में कटे चना, गेहूं, ज्वार, केला, हल्दी की फसलें बर्बाद हो गई हैं. इसमें गेहूं बुरी तरह से नष्ट हो गया है. लिहाजा किसान एक बार फिर संकट में हैं. किसानों ने मांग की है कि जिले में आंधी से हुए नुकसान का आकलन कर सरकार तत्काल मदद करे.

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मुदखेड तहसील में भारी नुकसान देखा जा रहा है. जिले के अन्य तहसीलों में भी अधिक नुकसान होने की संभावना है. यहां खरीफ की सभी फसलों का नुकसान हुआ है. सभी फसलें नष्ट हो गई हैं. अचानक ओलावृष्टि से सभी फसलों का भारी नुकसान हुआ है. नांदेड़ जिले में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि किसान समझ नहीं पा रहे कि क्या करें. इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बताया कि सभी जिलों में रेन गेज सिस्टम है जिसे देखकर सरकार को नुकसान पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को वित्तीय सहायता देनी चाहिए.

इस पूरे इलाके में देखें तो बारिश से किसानों को अपूरणीय क्षति हुई है. कुदरत ने ऐसे कैसे करवट लिया कि एक से डेढ़ घंटे में किसानों की लाई गई सारी फसलें चौपट हो गईं. सांसद प्रतापराव पाटिल चिखलीकर ने बताया कि अगर आप इंसान हैं तो किसानों का नुकसान देखकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे. मुदखेड़ तहसील के पंढरवाड़ी के एक छोटे किसान दिगंबर मारुति शीतलवाड़ ने केला, चना और गेहूं लगाया है. शुक्रवार को वे गेहूं और चना की फसल निकालने आए थे. केले की फसल भी लहलहा रही थी, लेकिन इस ओलावृष्टि ने उनके सपने को चकनाचूर कर दिया है. किसान ने फसल की उम्मीद में कई बड़े काम शुरू कर दिए थे. यहां तक कि बेटियों की शादी का भी प्लान था. लेकिन सब पर पानी फिर गया है. 

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मौसम की मार के बाद नांदेड़ जिला प्रशासन आंधी और ओलावृष्टि से जिले के कुछ हिस्सों में हुए नुकसान का जायजा ले रहा है.  क्षतिग्रस्त क्षेत्र का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. नांदेड़ के कलेक्टर ने कहा, किसान अपनी फसल के नुकसान की जानकारी फसल बीमा कंपनी को दें, इसी आधार पर उन्हें राहत दी जाएगी. बीमा की जानकारी जितनी जल्द दी जाएगी, भरपाई का काम उतनी ही जल्दी शुरू होगा.(कुंअरचंद मांडले की रिपोर्ट)