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सड़कों पर उतरे डेयरी किसान, दूध के दाम प्रति लीटर सात रुपये बढ़ाने की मांग

सड़कों पर उतरे डेयरी किसान, दूध के दाम प्रति लीटर सात रुपये बढ़ाने की मांग

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दूध सप्लाई बंद कर दी है. गुरुवार को किसानों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया और कहा कि शुक्रवार से सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी जाएगी. किसानों की मांग है कि दूध के दाम प्रति लीटर सात रुपये बढ़ाए जाएं, तभी वे दूध की सप्लाई शुरू करेंगे.

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इरोड में डेयरी किसानों का विरोध प्रदर्शन (साभार-ANI) इरोड में डेयरी किसानों का विरोध प्रदर्शन (साभार-ANI)

तमिलनाडु के डेयरी किसानों ने दूध की सप्लाई बंद कर दी है. ये किसान सरकारी कंपनी एविन को दूध सप्लाई करते हैं. किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सप्लाई बंद कर दी है. गुरुवार को किसानों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया और कहा कि शुक्रवार से सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी जाएगी. किसानों की मांग है कि दूध के दाम प्रति लीटर सात रुपये बढ़ाए जाएं, तभी वे दूध की सप्लाई शुरू करेंगे. इस हड़ताल में तमिलनाडु मिल्क प्रोड्यूसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने भी हिस्सा लेने का ऐलान किया है. एसोसिएशन ने कहा है कि धीरे-धीरे दूध की सप्लाई कम करेंगे.

तमिलनाडु मिल्क प्रोड्यूसर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वी. राजेंद्रन ने कहा कि किसान अपनी मांगें सरकार के सामने रखेंगे और उसे पूरा कराने की कोशिश करेंगे. एसोसिएशन ने गाय के दूध का दाम 35 रुपये से सात रुपये की वृद्धि के साथ 42 रुपये और भैंस का दूध 44 रुपये प्रति लीटर किए जाने की मांग की है.

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने संवाददाताओं से कहा, "सरकार को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से हम अपनी मांगें पहले ही बता चुके हैं. यदि प्रभाव पड़ा तो कीमतें क्रमशः 42 रुपये और 51 रुपये तक पहुंच जाएंगी." तमिलनाडु कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड, जिसे एविन के नाम से जाना जाता है, ने तीन महीने पहले खरीद मूल्य में 3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी और कहा था कि इसकी वित्तीय हालत बिगड़ने के कारण और वृद्धि जरूरी है.

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यह एसोसिएशन हर दिन लगभग 37 लाख लीटर खरीदता है, 26 लाख लीटर दूध के रूप में बेचता है और बाकी मात्रा को प्रोसेस्ड प्रोडक्ट में बदलता है. तमिलनाडु राज्यव्यापी आंदोलन से उपभोक्ताओं को दूध की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि एविन के दूध और दूध उत्पादों की मार्केटिंग पूरे प्रदेश में फैली हुई है.

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्रन ने कहा कि संघ चाहता है कि सरकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन कार्यक्रम के तहत दुधारू गायों के बीमा प्रीमियम के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान करे. इस बीच एक खबर इरोड से आई जहां डेयरी किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दूध सड़कों पर बहा दिए. इरोड के डेयरी किसान भी सरकार से लगातार दूध के दाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

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उत्तर भारत में भी दूध के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. मदर डेयरी और अमूल जैसे कोऑपरेटिव ने हाल के महीनों में कई बार दूध के दाम बढ़ाए हैं. इन सहकारी समितियों का कहना है कि लागत बढ़ने से दूध के दाम में बढ़ोतरी की जा रही है. किसानों का खर्च भी बढ़ा है क्योंकि चारे आदि के रेट बढ़े हुए हैं. इसलिए किसानों को उनके दूध का सही दाम दिलाने के लिए सहकारी समितियां दूध के दाम में वृद्धि कर रही हैं.