झारखंड में मिलेट की खेती को बढ़ावा देने और इसके उपयोग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है. इसके तहत जेएसएलपीएस द्वारा संचालित महिला समूहों को इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है. जेएसएलपीएस अंतर्गत महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना ने प्रोजेक्ट भवन सभागार में जैविक फसल और मिल्लेट्स पर कॉनक्लेव का आय़ोजन किया. वर्ष 2023 को "अंतर्राष्ट्रीय मिल्लेट्स वर्ष" के रूप में घोषित किया है, इसी के तहत में मिलेट्स की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जेसएलपीएस के सीइओ सुरज कुमार ने किया.
मिलेट्स कॉनक्लेव को संबोधित करते हुए एमकेएसपी के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद आरिफ अख्तर ने मिलेट्स के उपयोगिता पर चर्चा की. मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी सूरज कुमार ने सभी को संबोधित करते हुए जेएसएलपीएस के कार्य की सराहना की और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया. अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को "अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष" के रूप में घोषित किया है, इसी कड़ी में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जेएसएलपीएस द्वारा जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर कई जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर ग्रामीणों को श्रीअन्न के उपयोग एवं लाभ पर जागरूक किया जाएगा. उन्होंने समूह की माहिलाओं के कार्यों की सराहना करते हुए कहा की समूह की हर महिला आज हमारे लिए प्रेरणा है, जिन्होंने चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल की है और ग्राम विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रहीं है.
कार्यक्रम पर बात करते हुए उन्होंने बताया की जेएसएलपीएस के अन्तर्गत वैल्यू चैन और महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना द्वारा क्रियान्वित ”Farming the sustainable way for a evergreen tomorrow: Rolling out organic clusters in Jharkhand” तीन वित्त वर्षों में झारखंड के 10 जिलों के 22 ब्लॉकों में 176 जैविक क्लस्टर विकसित करने का कार्य किया जा रहा है. इस परियोजना का उद्देश्य 1056 गांवों में 176 जैविक क्लस्टर को बढ़ावा देना है, जहां कुल 42,240 किसानों को लाभान्वित करते हुए 2640 समूह का गठन किया जाएगा. इस योजना में एक फार्मर प्रोडूसर कंपनी का भी गठन किया जाना है. साथ ही बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण के लिए फार्मर फील्ड स्कूल की स्थापना की जाएगी.कार्यक्रम के दौरान बेहतर कार्य कर रहे फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाईजेशन और जेएसएलपीएस के अंतर्गत प्रतिभा अवार्ड के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया. यहां पर जेएसएलपीएस से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं द्वारा मिलेट् से संबंधित उत्पादों के स्टॉल भी लगाए थे. उपस्थित लोगों से सभी स्ट़ॉल का भ्रमण किया और सभी तरह के खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी हासिल की.
कार्यक्रम में दूसरे चरण में विभिन्न पैनल चर्चा के द्वारा जैविक फसल और मिल्लेट्स के झारखण्ड परिपेक्ष, जैविक फसलों को बढ़ावा देना और दैनिक खपत भोजन के विकल्प के रूप में इसका उपयोग - अवसर और चुनौतियां, झारखंड में मिलेट्स प्रोत्साहन और बायोफोर्टिफिकेशन का दायरा पर चर्चा की गई. इसके अलावा कार्यक्रम में कार्यक्रम में मिलेट्स पर बायोफोर्टिफिकेशन और इसका प्रभाव, झारखंड में जैविक फसलों को बढ़ावा देने में टीएसए की भूमिका, झारखंड में मिल्लेट्स का महत्व, कार्यक्षेत्र और उत्पादन सहयोगी कार्रवाई के संदर्भ में राज्य में मिल्लेट्स को बढ़ावा देने में टीएसए, स्टार्टअप, गैर सरकारी संगठनों की भूमिका पर चर्चा की गई.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today