झारखंड के दो जिलों में बनेंगे 5000 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज, दो कंपनियों के साथ हुआ एमओयू

झारखंड के दो जिलों में बनेंगे 5000 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज, दो कंपनियों के साथ हुआ एमओयू

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने एमओयू के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि विभाग के सहकारिता प्रभाग अंतर्गत राज्य के दो जिले चतरा और पूर्वी सिंहभूम में 5000 टन की क्षमता वाले दो कोल्ड स्टोरेज की फाइनल एमओयू की गई.

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झारखंड के दो जिलों में बनेंगे 5000 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज, दो कंपनियों के साथ हुआ एमओयूझारखंड में खुलेंगे कोल्ड स्टोरेज फाइल फोटो

झारखंड में आलू की भंडारण की भंडारण क्षमता अब बढ़ जाएगी. इसे लेकर राज्य सरकरार और दो कंपनियों से बीच एमओयू किया गया है. रांची के नेपाल हाउस में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और मेसर्स तृप्ति राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स हजारीबाग होप एंड हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया है. अगर इन दोनों एमओयू के हिसाब से कार्य सही तरीके से होता है तो राज्य में आलू भंडारण की क्षमता 5000 टन बढ़ जाएगी. इसका फायदा राज्य के आलू उत्पादक किसानों को मिलेगा. क्योंकि भंडारण की सुविधा नहीं रह पाने के कारण किसान आलू की खुदाई करने के साथ ही इसे बेच देते हैं इसके कारण कई बार उन्हें आलू के अच्छे दाम नहीं मिल पाते हैं. 

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने एमओयू के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि विभाग के सहकारिता प्रभाग अंतर्गत राज्य के दो जिले चतरा और पूर्वी सिंहभूम में 5000 टन की क्षमता वाले दो कोल्ड स्टोरेज की फाइनल एमओयू की गई. इनमें चतरा के लिए मेसर्स तृप्ति राइस मिल प्राइवेट के साथ चतरा के लिए और मेसर्स हजारीबाग होप एंड हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ पूर्वी सिंहभूम के लिए एमओयू किया गया है. उन्होंने कहा सहकारिता प्रभाग और किसानों को कई महिनों से इसका इंतजार था आज वो कार्य पूरा हो गया है.

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भवन निर्माण विभाग से हैंडओवर मिलने का इंतजार 

किसानों को अपने उत्पाद में वैल्यू एडिशन करने का मौका मिलेगा. इसके जरिए किसानों की आय बढ़ेगी. यह राज्य के किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की एक पहल है. जिसे धरातल पर उतारा जा रहा है. कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की प्रक्रिया शुरूहो चुकी है. इनमें से कई जिलों के लिए एजेंसियों का भी चयन कर लिया गया है. इनमें रांची, गिरिडीह और देवघर जिला शामिल है. उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज निर्माण का कार्य कहीं पर 100 फीसदी तो कही पर 80 फीसदी पूरा किया जा चुका है. जैसे ही भवन निर्माण विभाग की तरफ से कोल्ड स्टोरेज का हैंडओवर किया जाएगा इसके बाद यहा कोल्ड स्टोरज शुरू हो जाएगा. 

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खुशहाल होंगे राज्य के किसान

उन्होंने आगे कहा कि रामगढ़, हजारीबाग, गोड्डा और खूंटी में भी कोल्ड स्टोरेज बनाने के प्रस्ताव को अनुमति मिल चुकी है. इन जिलों में भी कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. इसके अलावा अगर किसी और जिले में भी 5000 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की जरूरत पड़ेगी तो उसके लिए भी विभाग तैयार है. उन्होंने कहा कि एमओयू हो चुका है अब जल्द ही कार्य शूरू होगा और राज्य के किसान खुशहाल होंगे.   


 

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