Himachal Pradesh: सोलन में भारी बारिश से खराब हुई टमाटर की फसल, भरी महंगाई में किसानों का भारी नुकसान

Himachal Pradesh: सोलन में भारी बारिश से खराब हुई टमाटर की फसल, भरी महंगाई में किसानों का भारी नुकसान

बारिश के कारण खेतों में तैयार टमाटर फटकर खराब हो रहे हैं. किसान बेबस होकर अपनी मेहनत की फसल बर्बाद होते देखने को विवश हैं. बारिश के कारण टमाटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान यही पर हुआ है जिससे किसान सन्न है.

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Himachal Pradesh: सोलन में भारी बारिश से खराब हुई टमाटर की फसल, भरी महंगाई में किसानों का भारी नुकसानबर्बाद हुई टमाटर की फसल (सांकेतिक तस्वीर)

देश के कई राज्यों में इस समय अच्छी बारिश हो रही है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दो से तीन दिनों तक कई राज्यों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश को लेकर रेड और ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया है. कई राज्यों में यह बारिश किसानों से लिए वरदान साबित हो रही है तो कुछ स्थानों पर यह बारिश किसानों के लिए कहर बनकर टूटी है. हिमाचल प्रदेश के सोलन में किसानों की स्थिति यही है. यहां पर हुई भारी बारिश के कारण किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ा है. किसान परेशान हैं और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वो क्या करें. क्योंकि खेत में तैयार फसल बर्बाद हो गई है.  

बारिश के कारण खेतों में तैयार टमाटर फटकर खराब हो रहे हैं. किसान बेबस होकर अपनी मेहनत की फसल बर्बाद होते देखने को विवश हैं. बारिश के कारण टमाटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान सोलन में ही हुआ है जिससे किसान सन्न है. टमाटर के अलावा अन्य फसलों पर भी मौसम की मार पड़ी है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सोलन में टमाटर को लाल सोने के नाम से जाना जाता है. यहां से टमाटर का कारोबार अरबों रुपये का होता है. यहां के ज्यादातर किसान टमाटर की खेती करते हैं और अपनी आजीविका के लिए उसी पर निर्भर हैं. लेकिन इस बार यहां किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है.

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80 फीसदी होती है टमाटर की खेती

सोलन में हिमाचल प्रदेश की टमाटर की सबसे बड़ी मंडी है. यहां के 80 प्रतिशत किसान टमाटर की फसल उगाते है. यही से दिल्ली, उतर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा सहित देश की कई बड़ी मंडियो को टमाटर सप्लाई किया जाता है. व्यापारी सोलन की इस मंडी से आकर टमाटर खरीदते है और अपने-अपने राज्यों की बड़ी मंडियों तक पहुंचाते है. इन्हीं बड़ी मंडियों से टमाटर दुकानदारों तक जाता है और इसी के बाद खरीदारों तक आपके घर तक पहुंचता है. यहां टमाटर की दो किस्म होती है. पहला हिमसोना और दूसरा हाईब्रीड. इसमें से हिमसोना की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है. टमाटर के अलावा शिमला मिर्च, बीन, करेला, तोरी, घिया सहित अन्य यहां लगने वाली सभी फसलों पर मौसम की मार पड़ी है.

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बाजार में नहीं आ रहा अच्छा टमाटर

एपीएमसी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा ने कहा कि मौसम की मार टमाटर की फसल पर पड़ी है. किसानों की आधे से ज्यादा फसल खराब हो चूकी है. जो टमाटर मंडी आ रहा है उसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं है. सोलन से पूरे उतर भारत को टमाटर की सप्लाई की जाती है. हर साल ढाई से तीन लाख टन टमाटर यहां से भेजा जाता है. वहीं किसान भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि मौसम की मार की वजह से भारी तादाद में टमाटर खराब हो गया है. जिसकी वजह से टमाटर बहुत कम बचा है. 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल खराब हो चूकी है. इस बार अच्छा टमाटर मंडी में नहीं आ रहा है. मौसम की वजह से टमाटर फट गया है 10 प्रतिशत अच्छा माल भी नहीं आ पा रहा है. (राजेश शर्मा की रिपोर्ट)

 

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