कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा में गेहूं की खरीद प्रक्रिया में देरी, उपज की कीमतों, भुगतान, अगलगी और बेमौसम बारिश आंधी तूफान से जुड़ी घटनाओं को लेकर राज्य की सरकार पर पिछले कई दिनों से हमलावर है. सुरजेवाला ने पिछले दिनों कैथल में विधायक के साथ एक मंडी का दौरा भी किया और व्यवस्था में अनदेखी और गड़बड़ी का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान उपज लेकर सड़कों पर भीषण गर्मी में फसल बेचने के लिए खड़े हैं. एक ओर जहां खेतों में किसानों की मेहनत जलकर राख हो रही है तो वहीं जहां किसान मंडियों और सड़कों पर खड़े हैं वहां बारिश उनके लिए मुसीबत बन रही है. लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है.
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने रविवार को कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला के साथ अनाजमंडी का दौरा किया और मजदूरों, किसानों और आढ़तियों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं. कांग्रेस नेता ने कहा कि खेत में आग से गेहूं की फसल जल रही है, वहींं मंडियों में बारिश की मार और कुप्रबंधन से उपज खराब हो रही है.
सरकार की बदइंतजामी के चलते हरियाणा की मंडियों में न गेहूं की फसल का उठान हो रहा और न ही किसान का भुगतान हो रहा है. मजदूर मजदूरी के लिए तरस रहे हैं और आढ़ती बारदाने (भराई के लिए खाली कट्टे) से लेकर उठान न होने से परेशान हैं. पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, कैथल - लगभग सभी अनाज मंडियों में सरकारी अव्यवस्था की यही हालत है.
उन्होंने कहा कि आज कैथल की पुरानी और नई अनाज मंडी के हालात देखे. गेहूं के पहाड़ बने पड़े हैं, पर कोई उठान नहीं हो रहा है. न भराई के लिए कट्टे हैं और न ही फसल उठाने का कोई इंतजाम. खुले में पड़ी फसल पर खराब मौसम का प्रकोप जारी है और किसान की फसल को यह कहकर नहीं खरीदा जाता कि नमी की मात्रा अधिक है. सरकार का पूरा तंत्र फेल हो चुका है और जिम्मेवारी आढ़ती की बताकर उनके लाईसेंस सस्पेंड किए जा रहे हैं.
सुरजेवाला ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह सभी मंडियों में फौरन बारदाने इंतजाम करे और खुले में पड़े गेहूं की कट्टों में फौरन भराई हो. गेहूं का उठान न करने वाले ठेकेदारों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही उठान के लिए टेंडर पर ली गई गाड़ियां मौके पर उपलब्ध हो.
सुरजेवाला ने मांग की कि मंडी मजदूरों की मजदूरी फौरन मिले. जिस किसान की फसल तुल चुकी है व खरीदी जा चुकी है, उसका फौरन भुगतान हो, उसे फसल के उठान के बाद फसल को एजेंसियों के गोदाम तक गेहूं पहुंचने का इंतजार न करना पड़े. सरकार मौसम की मार को देखते हुए 2% तक नमी खरीद में छूट दे यानी मौजूदार 12% से बढ़ाकर, नमी की मात्रा 14%-15% की जाए.
इससे पहले सुरजेवाला ने शनिवार को एक्स हैंडल पर अगलगी में जलती फसलों की खबरें साझा करते हुए लिखा कि 'किसान विरोधी' भाजपा की सरकार में पहले से ही अपने मेहनत की फसल होने पौने दामों पर देने को मजबूर किसानों पर मौसम का कहर देखने को मिल रहा है.
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