बजट में कृषि क्षेत्र और किसानों को क्या मिला, इन 17 पॉइंट्स में आसान भाषा में समझें
इस साल कृषि बजट को भी बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ कर दिया गया है. जिससे आने वाले समय में किसानों को मदद मिलेगी. वित्तमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन बढ़ाने के लिए साथ ही कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर के लिए बजट बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट 2024-25 पेश किया. यह बजट कुल 48 लाख करोड़ रुपये का है जिसमें सरकार ने लोगों को कहीं पर राहत दी, तो दूसरी तरफ टैक्स का बोझ बढ़ाकर उन्हें निराश भी कर दिया. बजट में गरीबों, किसानों और करदाताओं के लिए खास घोषणाएं की गई हैं. इस साल कृषि बजट को भी बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ कर दिया गया है. जिससे आने वाले समय में किसानों को मदद मिलेगी. वित्तमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन बढ़ाने के लिए साथ ही कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर के लिए बजट बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. ऐसे में आइए इन आसान भाषा में समझते हैं बजट में कृषि क्षेत्र और किसानों को क्या मिला.
आसान भाषा में समझें कृषि बजट
कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये दिए गए
अगले दो साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए मदद दी जाएगी
सरकार आत्मनिर्भरता के लिए दलहन और तिलहन मिशन पर ध्यान केंद्रित करेगी
कृषि फसलों की 32 उच्च उपज वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी
बागवानी फसलों की 109 नई किस्में जारी की जाएंगी
कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनशीलता विकसित भारत की पहली प्राथमिकता है
कृषि उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास पर जोर
फसल उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत किया जाएगा
सब्जी उत्पादन और उसकी आपूर्ति के लिए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे
प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के पास सब्जी उत्पादन क्लस्टर बनाए जाएंगे
उपज को रखने, भंडारण और विपणन और सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा दिया जाएगा
इसके लिए FPO, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देगी सरकार
राज्यों के साथ मिलकर कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी सरकार
तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को डीपीआई में शामिल किया जाएगा
2024 में डीपीआई की मदद से 400 जिलों में डिजिटल खरीफ फसल सर्वेक्षण कराया जाएगा
छह करोड़ किसानों और उनकी जमीन का ब्योरा रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा
पांच राज्यों में जनसमर्थन आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे
वहीं, कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया जाएगा. इस बजट की सबसे बड़ी बात यह है कि मछली पालन पर भी फोकस किया गया है. खास कर झींगा उत्पादन और निर्यात पर जोर दिया जाएगा. झींगा पालन और निर्यात के लिए नाबार्ड द्वारा फंडिंग भी दिया जाएगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि 6 करोड़ किसानों के लिए जमीन रजिस्ट्री पर जोर दिया जाएगा. साथ ही देश के 400 जिलों में डिजिटल खरीफ फसलों का सर्वे किया जाएगा. खास कर दालों और ऑयल सीड्स विस्तार पर मिशन लॉन्च किए जाएंगे. जबकि, नेचुरल फार्मिंग के लिए 1 करोड़ किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा. इन किसानों को सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग के जरिए बढ़ावा दिया जाएगा.