वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया.अब इस बजट को लेकर तमाम तरह के दावे भी किए जा रहे हैं. विपक्ष जहां इस बजट पर निशाना साध रही है तो वहीं केंद्र सरकार इस बजट को हर वर्ग को शक्ति देने वाला बता रही है.लेकिन इस बजट से जो एक बड़ा सवाल निकलकर सामने आया है वो ये है कि क्या केंद्र सरकार मनरेगा, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को बंद करने जा रही है? बजट के बाद वित्त मंत्री ने इसको लेकर स्पष्टीकरण दे दिया है.
बजट के बाद दूरदर्शन को दिए एक इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज सदन में मैंने करीब 82 मिनट का भाषण दिया. ये समझना होगा कि ये डेढ़ घंटे में ये मुमकिन नहीं है कि हर विषय पर मैं बोल सकूं. लेकिन मेरे उस विषय पर न बोलने का ये मतलब नहीं है कि ये तमाम योजनाएं बंद हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मनरेगा, पीएम स्वनिधि जैसी योजनाएं और मुद्रा जैसी योजनाएं चालू रहेंगी. वित्त मंत्री ने कहा कि मैंने इस विषय पर नहीं बोला लेकिन ये योजनाएं आगे भी चलती रहेंगी.
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वित्त मंत्री ने कहा कि कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि मैंने भाषण के दौरान कई राज्यों का नाम नहीं लिया. लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि भले ही मैंने कई राज्यों का नाम नहीं लिया लेकिन तमाम योजनाएं उन राज्यों में भी लागू रहेंगी. उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए समझाया कि कैसे बजट में जिक्र न होने के बावजूद महाराष्ट्र में एक बड़ा पोर्ट बन रहा है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान बताया कि कई लोगों ने मुझसे सवाल पूछा कि मैंने भाषण में पश्चिम बंगाल का जिक्र तक नहीं किया.लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि हर योजना का लाभ बंगाल को भी मिलेगा. जैसे पूर्वोदय योजना का फायदा भी बंगाल को मिलेगा.बता दें कि इस बजट में पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए पूर्वोदय योजना का एलान किया गया है. इस योजना से बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बंगाल के विकास को बढ़ावा मिलेगा.
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वित्त मंत्री ने कहा कि हर साल बाढ़ के कारण बिहार को नुकसान झेलना पड़ता है. ये विषय मन को कचोटता है लेकिन ये बिहार के हाथ में नहीं है क्योंकि इसका बड़ा कारण नेपाल है. कई सालों से नेपाल से बातचीत की जा रही है.इसलिए हमने बिहार को इस बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए कई जरूरी ऐलान किए हैं.
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