केंद्र सरकार द्वारा 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करने के बाद विभिन्न राज्य की सरकार के द्वारा भी बजट पेश किया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार सरकार के वित्त मंत्री और सूबे के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने 2024-25 का आम बजट पेश किया. जहां उन्होंने ने बिहार के विकास को लेकर कई तरह की योजनाओं की घोषणा भी किए. वहीं राज्य की जीडीपी को ऊंचाई देने वाली कृषि और किसानों के हित में रखते हुए बजट में स्थान दिया गया. इस वित्तीय वर्ष का बजट 2 लाख 78 हजार करोड़ रुपए पेश किया गया है,जिसमें से कृषि विभाग के लिए 3600.92 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा. पहली बार वित्त मंत्री सम्राट चौधरी बजट पेश करते हुए कहा कि बिहार के गरीबी दर में आठ प्रतिशत की कमी आई है. वहीं करीब दो करोड़ से ज्यादा लोग अब गरीबी रेखा से बाहर है.
अपना पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने में राज्य सरकार के द्वारा लागू किया गया चतुर्थ कृषि रोडमैप बहुत कारगर साबित होगा. इसी उद्देश्य को देखते हुए तैयार भी किया गया है. 2028 तक कारगर रहने वाला चतुर्थ कृषि रोडमैप पर इस अवधि के दौरान कृषि एवं सावर्ती क्षेत्र में लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा. इसके साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा से 35 फीसदी बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. सदन में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पहले की अपेक्षा अब महिलाएं ज्यादा पढ़ रही हैं. वहीं पहले हिंदू मुस्लिम का कितना झगड़ा होता था. जब से हम लोग आए हैं. उस वक्त से शांति है.
ये भी पढ़ें-Success Story: पारंपरिक खेती छोड़ किसान ने आधुनिक तकनीक अपनाई, अब अच्छे मुनाफे से कमाई बढ़ी
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जहां कुल बजट 2 लाख 78 हजार करोड़ रुपए है. वहीं शिक्षा विभाग 52639.03,स्वास्थ्य विभाग 14932, कृषि विभाग 3600.92, ग्रामीण विकास 14296.71,समाज कल्याण 8238.57, शहरी विकास 11298.72,जल संसाधन 4398.52 पथ निर्माण 5702.81, भवन निर्माण 5012.65, वित्त विभाग 2734.50, राजस्व,भूमि सुधार 1871.48, योजना विकास 2216.48 ,PHED 1848.22 उद्योग विभाग 1833.09, एससी एसटी कल्याण 1802.73, पशु मत्स्य 1631.35, विधि विभाग 1315.13, पंचायती राज 11025.84,गृह विभाग 16323.83,ऊर्जा विभाग 11422.68, आपदा प्रबंधन 5276.25, श्रम संसाधन 1226.42,खाद्य उपभोक्ता 1250.20, सहकारिता 1209.36, विज्ञान प्रौद्योगिकी 1072.31, सामान्य प्रशासन 1032.82,लघु जल संसाधन 1030.95, मद्य निषेध,निबंधन 674.55,पर्यटन 462.44, परिवहन 451.46,कला संस्कृति 260, सूचना जनसंपर्क 254.24, खेल विभाग 183.20, गन्ना उद्योग 123.80,बीपीएससी 98.92,निगरानी 45.60,संसदीय कार्य 9.87 सूचना प्रावादिकी 278.44 पर खर्च किया जाएगा.वहीं पिछले साल के वित्तीय वर्ष से 16840.320 करोड़ रुपए अधिक है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today