बकरी अब गरीबों की गाय नहीं रही है. बकरी अब एटीएम बन चुकी है. यही वजह है कि कक्षा आठ पास से लेकर बीटेक, पीएचडी और एमबीए कर चुके लोग बकरी पालन की ट्रेनिंग ले रहे हैं. इतना ही नहीं आर्मी में अफसर रह चुके और सिविल सर्विस से रिटायर अफसर भी बकरी पालन की ट्रेनिंग लेने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) के 756 एकड़ में फैले केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), फरह, मथुरा आते हैं. ट्रेनिंग के दौरान सीआईआरजी में भेड़-बकरी को कैसे पालना है.
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