Poultry Farm care in Summer: अंडे देने वाली मुर्गियों को गर्मी से बचाना है तो पोल्ट्री फार्म पर कर लें ये इंतजाम 

Poultry Farm care in Summer: अंडे देने वाली मुर्गियों को गर्मी से बचाना है तो पोल्ट्री फार्म पर कर लें ये इंतजाम 

Water for Poultry Farm खासतौर पर उत्तर भारत में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है. बढ़ते तापमान से इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल हैं. ऐसे में खासतौर पर मुर्गियों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. पीने के पानी में बदलाव करना भी बहुत जरूरी हो जाता है. किस तापमान का और कितना पानी दिनभर में पिलाना है ये जानकारी होना बहुत जरूरी है.

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Poultry Farm care in Summer: अंडे देने वाली मुर्गियों को गर्मी से बचाना है तो पोल्ट्री फार्म पर कर लें ये इंतजाम ओडिशा में 10 से ज्यादा मुर्गियों की जांच में एवियन फ्लू का खुलासा हुआ है.

Water for Poultry Farm मई महीना खत्म होने में अभी दो दिन बाकी हैं. वहीं अगर भीषण गर्मी की बात करें तो अभी जून महीना बाकी है. अभी कम से कम एक महीना तो गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है. और अगर मुर्गियों के लिहाज से बात करें तो ये मौसम उनके लिए जानलेवा होता है. खासतौर पर अंडा देने वाली मुर्गियों के लिए. यही वजह है कि पोल्ट्री एक्सपर्ट हमेशा ये सलाह देते हैं कि मौसम सर्दी से गर्मी की ओर बदल रहा हो या फिर गर्मी से सर्दी की ओर जा रहा हो, पोल्ट्री फार्म में मौसम के मुताबिक बदलाव जरूर करने चाहिए. एक्सपर्ट या फिर डॉक्टर के मुताबिक फीड, पीने के पानी से लेकर शेड मैनेजमेंट में बदलाव करना जरूरी हो जाता है. 

क्योंकि मौसम के हिसाब से ही पोल्ट्री फार्म में फीड की मात्रा और खि‍लाने का वक्त तय किया जाता है. वहीं पीने के पानी का तापमान से लेकर शेड का तापपान दिन-रात में कितना होना चाहिए ये सब मौसम के बदलाव के साथ ही तय किया जाता है. अगर इसमे से किसी में भी लापरवाही बरती जाती है तो फिर मुर्गियों का बीमार होना और मरना तय है. वहीं इसका बड़ा असर मुर्गियों के उत्पादन पर भी पड़ता है.  

20 से 22 डिग्री होना चाहिए पीने का पानी 

पोल्ट्री एक्सपर्ट और वेटरिनेरियन डॉ. इब्ने अली का कहना है कि मौसम में बदलाव आते ही सबसे पहले फीड में बदलाव करने चाहिए. इसके लिए पोल्ट्री फार्मर को कुछ करने की जरूरत नहीं है. बस बाजार से आने वाले फीड में मौसम के हिसाब से थोड़ा बदलाव करना होता है. पीने के पानी का भी बहुत ख्याल रखना चाहिए. पानी न तो बहुत ज्यादा ठंडा हो और न ही ज्यादा गर्म हो. पानी का तापमान 20 से 22 डिग्री तक ही होना चाहिए. 

इतना ही नहीं पानी का टीडीएस भी 150 से 200 ही होना चाहिए. क्योंकि अगर टीडीएस को कंट्रोल नहीं किया तो मुर्गियों को आंत की बीमारी और बार-बार दस्त लगने की परेशानी हो सकती है. मुर्गियां जितना दाना खा रही हैं उसका दोगुना पानी पिलाना चाहिए. जैसे मुर्गी अगर 120 ग्राम दाना खा रही है तो उसे 250 एमएल पानी पिलाना चाहिए. शेड में तापमान को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि शेड में कम से कम 70 फारेनहाइट और अधि‍कतम 100 फारेनहाइट होना चाहिए तभी मुर्गियां आराम से रहेंगी. वर्ना मुर्गियां हांफने लगेंगी और उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगेगी. 

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