Dairy Export: राज्यों को FMD फ्री होने का इंटरनेशनल संस्था ऐसे देती है सर्टिफिकेट, पढ़ें डिटेल 

Dairy Export: राज्यों को FMD फ्री होने का इंटरनेशनल संस्था ऐसे देती है सर्टिफिकेट, पढ़ें डिटेल 

Animal Product Export पशुपालक की खुद की घोषणा और वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एनीमल हैल्थ (WOAH) की जांच के बाद डिजीज फ्री जोन का सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. लेकिन इससे पहले ऑर्गेनाइजेशन की एक गाइड लाइन का पालन करना होता है. केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय लगातार इस पर काम कर रहा है. 

Advertisement
Dairy Export: राज्यों को FMD फ्री होने का इंटरनेशनल संस्था ऐसे देती है सर्टिफिकेट, पढ़ें डिटेल गर्मियों में पशुओं को लू से कैसे बचाएं?

Animal Product Export भारत ही नहीं दुनियाभर के ज्यादातर देश खुरपका-मुंहपका (FMD) और ब्रुसेलोसिस बीमारी से परेशान हैं. ये बीमारी पशुओं के लिए जानलेवा तो हैं ही, साथ में इंसानों को भी नुकसान पहुंचाने वाली हैं. डेयरी और मीट एक्सपर्ट की मानें तो बहुत सारे ऐसे देश हैं जो भारत से डेयरी प्रोडक्ट और बोवाइन मीट खरीदना चाहते हैं. लेकिन इस खरीद के बीच में पशुओं की एफएमडी बीमारी आड़े आ जाती है. यही वजह है कि डेयरी प्रोडक्ट और बोवाइन मीट के मामले में खासी जांच-पड़ताल होती है. इसी के चलते केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय कारोबारियों के साथ मिलकर डेयरी प्रोडक्ट और बोवाइन मीट एक्सपोर्ट को बढ़ाने की कोशि‍श कर रहा है. 

हाल ही में मंत्रालय ने देश के नौ राज्यों को एफएमडी फ्री बनाने की मुहिम छेड़ी हुई है. इसी के चलते डिजीज फ्री जोन बनाए जा रहे हैं. एफएमडी बीमारी को भी कंट्रोल करने के लिए जोन बनाए जा रहे हैं. वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एनीमल हैल्थ (WOAH) जांच के बाद डिजीज फ्री जोन के सर्टिफिकेट पर मुहर लगाती है.

FMD फ्री जोन के लिए ये नियम मानना है जरूरी 

एफएमडी फ्री राज्य या जोन बनाने के लिए पहले खुद घोषित करना होता है कि ये राज्य या इलाका एफएमडी फ्री हो चुका है. इसकी सूचना WOAH को भी दी जाती है. इस सूचना के बाद तथ्यों की जांच की जाती है कि क्या वाकई एफएमडी फ्री बनाने में गाइड लाइन का पालन किया गया है या नहीं. खासतौर से कुछ बिन्दुओं पर जांच की जाती है. जैसे, 

  • जिस राज्य को एफएमडी फ्री घोषि‍त किया जा रहा है वहां बीते दो साल में कोई केस नहीं आया. 
  • राज्य में दो दौर के टीकाकरण के दौरान 95 फीसद टीकाकरण हो चुका हो.  
  • राज्य में 100 फीसद केस ट्रेसेबिलिटी हो.
  • राज्य में सीरो मॉनिटरिंग 80 फीसद से ज्यादा हो.
  • राज्य के बार्डर पर एसओपी के साथ पशु ट्रांसपोर्टेशन की जांच की जा रही हो.
  • पीसीआईसीडीए अधिनियम 2009 की धारा 6 के तहत एफएमडी नियंत्रण क्षेत्र की अधिसूचना जारी हो.

ये 9 राज्य जल्द घोषि‍त हो सकते हैं एफएमडी फ्री 

मंत्रालय के मुताबिक सीरो-सर्विलांस के आधार पर कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात को एफएमडी फ्री जोन बनाने की तैयारी चल रही है. इसी के चलते एनीमल प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- Animal Care: मई से सितम्बर तक गाय-भैंस के बाड़े में जरूर करें ये खास 15 काम, नहीं होंगी बीमार  

ये भी पढ़ें-Artificial Insemination: अप्रैल से जून तक हीट में आएंगी बकरियां, 25 रुपये में ऐसे पाएं मनपसंद बच्चा

POST A COMMENT