Animal Product Export भारत ही नहीं दुनियाभर के ज्यादातर देश खुरपका-मुंहपका (FMD) और ब्रुसेलोसिस बीमारी से परेशान हैं. ये बीमारी पशुओं के लिए जानलेवा तो हैं ही, साथ में इंसानों को भी नुकसान पहुंचाने वाली हैं. डेयरी और मीट एक्सपर्ट की मानें तो बहुत सारे ऐसे देश हैं जो भारत से डेयरी प्रोडक्ट और बोवाइन मीट खरीदना चाहते हैं. लेकिन इस खरीद के बीच में पशुओं की एफएमडी बीमारी आड़े आ जाती है. यही वजह है कि डेयरी प्रोडक्ट और बोवाइन मीट के मामले में खासी जांच-पड़ताल होती है. इसी के चलते केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय कारोबारियों के साथ मिलकर डेयरी प्रोडक्ट और बोवाइन मीट एक्सपोर्ट को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
हाल ही में मंत्रालय ने देश के नौ राज्यों को एफएमडी फ्री बनाने की मुहिम छेड़ी हुई है. इसी के चलते डिजीज फ्री जोन बनाए जा रहे हैं. एफएमडी बीमारी को भी कंट्रोल करने के लिए जोन बनाए जा रहे हैं. वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एनीमल हैल्थ (WOAH) जांच के बाद डिजीज फ्री जोन के सर्टिफिकेट पर मुहर लगाती है.
एफएमडी फ्री राज्य या जोन बनाने के लिए पहले खुद घोषित करना होता है कि ये राज्य या इलाका एफएमडी फ्री हो चुका है. इसकी सूचना WOAH को भी दी जाती है. इस सूचना के बाद तथ्यों की जांच की जाती है कि क्या वाकई एफएमडी फ्री बनाने में गाइड लाइन का पालन किया गया है या नहीं. खासतौर से कुछ बिन्दुओं पर जांच की जाती है. जैसे,
मंत्रालय के मुताबिक सीरो-सर्विलांस के आधार पर कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात को एफएमडी फ्री जोन बनाने की तैयारी चल रही है. इसी के चलते एनीमल प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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