Farmer Income: सहकारी समितियों के उत्पाद को ब्रांड से जोड़ने पर कोऑपरेटिव सम्मेलन में होगी चर्चा

Farmer Income: सहकारी समितियों के उत्पाद को ब्रांड से जोड़ने पर कोऑपरेटिव सम्मेलन में होगी चर्चा

Global Cooperative Conference एनडीडीबी ने पड़ोसी देशों और अफ्रीकी देशों में डेयरी को मजबूत करने का काम किया है. डेयरी सेक्टर के बारे में उन्होंने ये भी कहा कि सहकारी समिति के डेयरी प्रोडक्ट को ब्रांड के साथ जोड़ने से पशुपालकों की आय बढ़ेगी. इसके लिए ये भी जरूरी है कि भारत को गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादों के निर्यात के माध्यम से "विश्व की डेयरी" बनने की जरूरत है. 

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Farmer Income: सहकारी समितियों के उत्पाद को ब्रांड से जोड़ने पर कोऑपरेटिव सम्मेलन में होगी चर्चामदर डेयरी ने बढ़ाए दूध के दाम

Global Cooperative Conference किसान हों या पशुपालन उनकी इनकम बढ़ाने की लगातार कोशि‍श हो रही है. कुछ वक्त पहले किसान और पशुपालकों की इनकम बढ़ाने के लिए उन्हें सहकारी समितियों से जोड़ने की बात कही गई थी. साथ ही समितियों के प्रोडक्ट को किसी ब्रांड से जोड़ने की बात पर भी जोर दिया गया था. एक बार फिर इसी आवाज को आईसीए ग्लोबल कोऑपरेटिव कांफ्रेंस में उठाने की तैयारी चल रही है. जिससे ये प्लान लोकल नहीं ग्लोबल लेबल तक पहुंचे. गौरतलब रहे साल 2025 को इंटरनेशनल कोऑपरेटिव ईयर (अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष) के रूप में मनाया जा रहा है. सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 2025 को इंटरनेशनल कोऑपरेटिव ईयर घोषि‍त किया है. 

वहीं 25 से 30 नवंबर तक आईसीए ग्लोबल कोऑपरेटिव कांफ्रेंस का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा. किसानों और पशुपालकों की इनकम को बढ़ाने के लिए सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह लगातार अफसरों और सहकारी समितियों से जुड़े लोगों संग चर्चा कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक हम सहकारी समितियों के उत्पादन को किसी ब्रांड से नहीं जोड़ेंगे तब तक उसे पहचान नहीं मिलेगी. बिना ब्रांड के विश्व बाजार में भी उसकी सही कीमत नहीं मिल पाएगी. इस मामले में उन्होंने नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) का उदाहरण दिया. 

सहकारी समिति और डेयरी ऐसे करें काम तो बढ़ेगी इनकम  

भारतीय डेयरी सेक्टर को लेकर दिए गए सुझावों में बहु-वस्तु (मल्टी-कमोडिटी) और सहकारी समितियों की जरूरत पर जोर दिया. उनका कहना है कि सहकारी समितियों के उत्पादन के निर्यात के लिए एक ब्रांड होना चाहिए, जैविक उत्पाद को बढ़ावा देना चाहिए, सहकारी समितियों के बीच सहयोग से दुग्ध प्रोसेसिंग सुविधाओं का बेहतर उपयोग होना चाहिए, डेयरी मशीनरी के निर्माण में आत्मनिर्भरता लानी होगी. इतना ही नहीं एनडीडीबी की सहायक कंपनी आईडीएमसी लिमिटेड के माध्यम से स्वदेशी डेयरी उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए. इसके लिए एनडीडीबी की सहायक कंपनियों को इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपना खास रोल अदा करना होगा. 

साइंटीफिक तरीके से आगे बढ़ेगा पशुपालन 

एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह का कहना है कि एनडीडीबी अपनी नीति “किसान सर्वप्रथम” को ध्यान में रखते हुए ही अपनी सभी योजनाओं में सहकारिता की रणनीति को शामिल करती है. किसानो द्वारा पशुपालन की वैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर एनडीडीबी को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. एनडीडीबी से जुड़ी दूसरी संस्थाओं ने भी डेयरी सहकारिताओं को मजबूत कर करोड़ो किसानों के लिए आय का रास्ता खोलते हुए एनडीडीबी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाया है.

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