Poultry Egg Export हाल ही में अमेरिका ने भारत से अंडे की खरीदारी शुरू की है. एक करोड़ अंडों की पहली खेप रवाना भी हो चुकी है. खाड़ी के कई बड़े देश भी भारत से ही अंडे खरीदते हैं. अभी कुछ वक्त पहले मलेशिया और श्रीलंका ने भी भारत से करोड़ों की संख्या में अंडों की खरीदारी की थी. हाल ही में बांग्लादेश ने भी ब्राउन ऐग खरीदना शुरू किए हैं. इसकी एक वजह ये भी है कि भारत दुनियाभर में सबसे सस्ता अंडा बेचता है. ज्यादातर खाड़ी देश बड़ी मात्रा में भारत से अंडे खरीदते हैं.
लेकिन इस सब के बावजूद स्थायी रूप से बड़ी संख्या में अंडा खरीदने वाले देशों की कमी है. सस्ता अंडा होने के बाद भी सिर्फ जरूरत के वक्त ही भारत से अंडा खरीदते हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अगर हमे स्थायी ग्राहक बनाने हैं तो सबसे पहले हमे अंडों की क्वालिटी पर काम करना होगा. खरीदार देशों को यकीन दिलाना होगा कि हमारा अंडा बीमारी से फ्री है. तभी हम पोल्ट्री एक्सपोर्ट को बढ़ा सकेंगे.
इंटरनेशनल ऐग काउंसिल के प्रेसिडेंट और श्रीनिवास हैचरी ग्रुप के एमडी सुरेश आर चित्तूरी का कहना है कि अंडे का उत्पादन पूरी तरह से मुर्गी के खुश रहने पर टिका होता है. आप मुर्गी को जितना खुश रखेंगे मुर्गी उतना ज्यादा अंडा देगी. जैसे सबसे पहले आपको करना चाहिए कि मुर्गी को हमेशा हेल्दी रखें. मतलब मुर्गी को कोई भी छोटी-बड़ी बीमारी ना लगने दें. इसके लिए अच्छे से मुर्गियों की देखभाल और बायो सिक्योरिटी का पालन करना बहुत जरूरी है. दूसरी अहम बात ये है कि मुर्गियों को अच्छी क्वालिटी का फीड खाने को दें. ऐसा नहीं कि चार पैसे बचाने के लिए हमने खराब फीड खरीद लिया. आज पोल्ट्री सेक्टर में इतनी टेक्नोलॉजी आ चुकी है कि आप फीड के बारे में हर तरह की जांच करा सकते हैं. पीने के पानी का भी बहुत खास ख्याल रखें. बहुत सारी बीमारियां तो सिर्फ पानी से ही आती हैं.
सुरेश आर चित्तूरी का कहना है कि श्रीनिवास ग्रुप ने पोल्ट्री में लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए पोल्ट्री फार्मर को जागरुक करने का अभियान शुरू किया है. इसके तहत पहले टेक्निकल एक्सपर्ट के साथ बात की गई, और फिर यही एक्सपर्ट आम पोल्ट्री फार्मर को जागरुक कर रहे हैं. फॉर्मर को उनके ही तरीके से उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के टिप्स दे रहे हैं.
ये भी पढ़ें- Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभिन पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स
ये भी पढ़ें- Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today