Paneer: ऐसे बनाया जा रहा है रबड़ की तरह चबने वाला पनीर, दाम वसूले जा रहे दूध के 

Paneer: ऐसे बनाया जा रहा है रबड़ की तरह चबने वाला पनीर, दाम वसूले जा रहे दूध के 

बाजार में दो तरह का पनीर बेचा जा रहा है. इसमे एक वो पनीर भी शामिल है जो कम लागत पर तैयार कर दूध से बने पनीर की कीमत के बराबर बेचा जा रहा है. डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि इसे खाने से कोई नुकसान नहीं है, लेकिन कीमत के मामले में ग्राहकों को ठगा जा रहा है. जबकि नियम ये है कि बेचते वक्त ग्राहकों को बताना होगा कि ये एनालॉग पनीर है.  

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Paneer: ऐसे बनाया जा रहा है रबड़ की तरह चबने वाला पनीर, दाम वसूले जा रहे दूध के कम लागत पर एनालॉग पनीर बनाकर महंगे दाम पर बेचा जा रहा है.

बाजार में आजकल दो तरह का पनीर बिक रहा है. स्वाद के साथ ही दोनों के रेट भी अलग हैं. एक वो है जो 400 रुपये किलो या उससे भी ज्यादा कीमत पर मिलता है, लेकिन खाने में एकदम मुलायम जो मुंह में रखते ही घुलने लगता है. ये पूरी तरह दूध से बनता है. दूसरा वो है जो पहले के मुकाबले बहुत कम लागत पर तैयार होता है, लेकिन बेचा पहले वाले के बराबर ही जाता है. खाने में भी एकदम रबड़ के जैसा होता है. मुंह में रखने के बाद उसे खूब चबाना पड़ता है. इसे बनाने में नाम मात्र के लिए दूध का इस्तेमाल किया जाता है, बाकी सब्जियों के अलावा और दूसरी चीजें भी इस्तेमाल की जाती हैं. 

लेकिन कीमत दूध से बने पनीर के बराबर ली जाती है. ऐसे पनीर का इस्तेमाल घर के बाहर स्ट्रीट फूड और होटल-रेस्टोरेंट में खूब होता है. इसे एनालॉग पनीर कहा जाता है. बीते कुछ वक्त पहले ही महाराष्ट्र में दो मामले ऐसे आए थे जहां ग्राहकों को एनालॉग पनीर खि‍लाया जा रहा था. खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की टीम ने यहां छापा मारा था. इसमे बर्गर का एक नामी ब्रांड भी शामिल था. 

कम लागत में ऐसे बनता है एनालॉग पनीर 

डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो दूध से बने पनीर में सिर्फ और सिर्फ दूध का ही इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि ये बहुत ही सॉफ्ट होता है. मुंह में रखने के बाद इसे ज्यादा चबाने की जरूरत नहीं पड़ती है. जबकि एनालॉग पनीर को खाते वक्त ज्यादा चबाना पड़ता है. होटल-रेस्टोरेंट में शेफ एनालॉग पनीर की डिश बनाते वक्त ग्रेवी की मदद से इसे मुलायम करने की कोशिश भी करते हैं. एनालॉग पनीर को तैयार करने के लिए वनस्पति तेल और दूध पाउडर इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही सोया, नारियल तेल और जड़ वाली सब्जियों सहित पौधे-आधारित सामग्री भी मिलाई जाती है. साबूदाना, खमीर और एसिड जैसे गाढ़े पदार्थ भी मिलाए जाते हैं. 

पैकेट पर लिखना होगा ये एनालॉग पनीर है

एफडीए के जानकारों की मानें तो दूध से बने पनीर की कीमत जहां 400 रुपये किलो या उससे ज्याता होती है तो वहीं एनालॉग पनीर 200 रुपये किलो की लागत पर तैयार हो जाता है. ऐसे में अगर किसी को एनालॉग पनीर बेचना है तो उसे पैकिंग पर बताना होगा कि ये एनालॉग पनीर है. साथ ही इंग्रीडेंटस और रेट भी लिखने होंगे. अगर कोई खुले में बेचता है तो उसे दूध से बने पनीर की कीमत से कम पर बेचना होगा. कुल मिलाकर अपने ग्राहक को जानकारी देनी होगी कि एनालॉग पनीर दूध से बने पनीर से सस्ता है. 

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