मछुआरे (जलीय कृषि), मछली श्रमिक, मछली विक्रेता और व्यक्ति जो सीधे तौर पर मछली पालन से जुड़े हुए हैं, मालिकाना फर्म, साझेदारी फर्म, भारत में पंजीकृत कंपनियों, सोसायटी, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी), सहकारी समितियों, संघों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ), स्टार्टअप के लिए केन्द्र सरकार ने एक और योजना शुरू की है. प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा के तहत उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) को कैबिनेट की मीटिंग में मंजूरी दे दी गई है. खास बात ये है कि एफएफपीओ में किसान उत्पादक संगठन (FPO) भी शामिल रहेंगे.
फिशरीज सेक्टर में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बावजूद इस क्षेत्र में कई क्षेत्रीय चुनौतियां महसूस की जा रही हैं. फसल जोखिम, कार्य आधारित पहचान की कमी, लोन तक पहुंच ना होना, छोटी और माइक्रो यूनिट द्वारा बेची जाने वाली मछलियों की सुरक्षा और गुणवत्ता बरकरार रखना जैसे मुद्दों को नई प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के लक्ष्य छह हजार करोड़ रुपये से दूर किया जाएगा.
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40 लाख स्मॉल और माइक्रो यूनिट को पहचान देने के लिए नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म बनाया जाएगा.
6.4 लाख माइक्रो और 5500 मत्स्य पालन सहकारी समितियों तक लोन की सुविधा पहुंचाई जाएगी.
गुणवत्ता वाली मछली उत्पादन पर जोर दिया जाएगा.
पर्यावरण और स्थिरता की पहल को बढ़ावा दिया जाएगा.
व्यवसाय करने में आसानी और पारदर्शिता की सुविधा दी जाएगी.
एकवाकल्चर के लिए बीमा कवरेज की मदद से बीमारी पर रोकथाम लगाई जाएगी.
वैल्यू एडेड के माध्यम से सीफूड एक्सपोर्ट को बाजार में मजबूत किया जाएगा.
घरेलू बाजार में मछली और उससे बने प्रोडक्ट की गुणवत्ता में सुधार लाना.
घरेलू बाजारों को मजबूत किया जाएगा.
कारोबार का डपलवमेंट, नौकरियों के रास्ते खोलना और कारोबार को आसान बनाया जाएगा.
कारोबार वाली जगह पर महिलाओं को सुरक्षा दी जाएगी.
इस योजना के लागू होने से 1.7 लाख नई नौकरियों के मौके आएंगे, जिसमे से 75 हजार मौके महिलाओं को देने पर खास जोर रहेगा.
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नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म के तहत मछुआरों, मछली किसानों और सहायक श्रमिकों के स्वंय पंजीकरण की मदद से मछली श्रमिकों की कार्य आधारित डिजिटल पहचान तैयार की जाएगी. बीमा खरीदने के लिए लाभार्थियों को एकमुश्त प्रोत्साहन दिया जाएगा. नौकरियों के निर्माण और रखरखाव समेत मछली पालन क्षेत्र की माइक्रो यूनिट को प्रोत्साहित किया जाएगा. नौकरियों के निर्माण और रखरखाव, मछली और उससे बने प्रोडक्ट की सुरक्षा-गुणवत्ता प्रणालियों को अपनाने के लिए अनुदान के माध्यम से छोटी और माइक्रो यूनिट को प्रोत्साहित किया जाएगा.
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