एक्वेरियम में सजाने के लिए अब समुद्र से नहीं पकड़नी होंगी ये दो खास मछलियां 

एक्वेरियम में सजाने के लिए अब समुद्र से नहीं पकड़नी होंगी ये दो खास मछलियां 

CMFRI के विझिनजाम क्षेत्रीय केंद्र के साइंटिस्ट डॉ. संतोष का कहना है कि इन मछलियों की हाई डिमांड, बाजार की कीमत और कम उत्पादन लागत कारोबार में मुनाफे को बढ़ाती है. इतना ही नहीं 24 हजार युवा मछलियों के सालाना बीज उत्पादन वाली एक यूनिट से करीब 12 लाख रुपये की सालाना इनकम की जा सकती है. 

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एक्वेरियम में सजाने के लिए अब समुद्र से नहीं पकड़नी होंगी ये दो खास मछलियां दो समुद्री सजावटी मछलियों का बीज तैयार किया गया है.

सरकार लगातार फिश एक्वेरियम कारोबार को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं और रिसर्च पर काम कर रही है. हाल ही में आईसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI) ने दो महंगी वाली समुद्री सजावटी मछलियों के बीच तैयार करने की कामयाबी हासिल की है. अभी तक होता ये था कि इन मछलियों को पकड़ने के लिए समुद्र में उतरना पड़ता था. तब कहीं जाकर ये मछलियएं फिश एक्वेरियम तक पहुंच पाती थीं. लेकिन अब इन दो खास रंगीन सजावटी मछलियों के लिए समुद्र में जाने की जयरत नहीं पड़ेगी. 

CMFRI ने जिन दो रंगीन सजावटी मछलियों के बीज तैयार करने में कामयाबी हासिल की है उनके नाम हैं एज़्योर डैमसेल और ऑर्नेट गोबी. संस्थान के डॉयरेक्टर का कहना है कि फिश एक्वेरियम के लिए इनकी बहुत डिमांड रहती है. इसी के चलते इनके रेट भी ज्यादा हैं. अब अगर कोई चाहें तो इन मछलियों का कारोबार कर अच्छी इनकम पैदा कर सकता है. 

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गहरे नीले समुद्र जैसी दिखती है ये मछली 

CMFRI के विझिनजाम क्षेत्रीय केंद्र के साइंटिस्ट ने एज़्योर डैमसेल और ऑर्नेट गोबी की डिमांड को देखते हुए और समुद्र के जोखि‍म को कम करने के लिए समुद्री सजावटी मछली प्रजातियों के लिए बीज उत्पादन तकनीक को कामयाबी के साथ विकसित किया है. इसके चलते समुद्री सजावटी मछली जलीय कृषि में कारोबार का एक और रास्ता खुल गया है. बीज तैयार करने वाले साइंटिस्ट के मुताबिक एज़्योर डैमसेल और ऑर्नेट गोबी अपनी सुंदरता, रंगों और आकर्षक एक्वेरियम व्यवहार की वजह से बहुत पसंद की जाती हैं.

एज़्योर डैमसेल एक रीफ से जुड़ी मछली है जिसका रंग चमकीला नीला और गहरा पीला होता है. इस मछली को उसके प्राकृतिक आवास से बहुत ज्यादा पकड़ा जाता है, जिसके चलते इसे संवेदनशील (VU) कैटेगिरी में रखा गया है. भारत में इस मछली की कीमत करीब 350 रुपये है. वहीं इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत 15 से 25 डॉलर है. 

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ये है ऑर्नेट गोबी मछली की खासियत 

साइंटिस्ट का कहना है कि समुद्री एक्वेरियम में सजावटी ऑर्नेट गोबी, अपने रंगों, सजावटी पैटर्न और जिज्ञासु व्यवहार से सबको अपनी ओर मोहित करती है. सफेद बिंदुओं की पांच लाइन से सजे इसके पेक्टोरल पंख इसे और खास बनाते हैं. यह कठोर प्रजाति समुद्री एक्वेरियम के लिए एक कीमती प्रॉपर्टी है. यह रेत को साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसका शांतिपूर्ण स्वभाव दूसरी प्रजातियों के साथ ग्रुप बनाने में मदद करता है. 5 से 8 सेमी मछली की कीमत भारत में करीब 250 डॉलर है, जबकि इंटरनेशन मार्केट में ऑनलाइन खुदरा कीमत 15 से 30 डॉलर है.
 

 

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